नैनीताल में यात्रियों को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बस में आवाजाही करने में जदोजेहाद करनी पड़ रही है। प्राइवेट बस में नही मिलता है यात्रियों को टिकट।

नैनीताल में यात्रियों को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बस में आवाजाही करने में जदोजेहाद करनी पड़ रही है। प्राइवेट बस में नही मिलता है यात्रियों को टिकट।

स्थान। नैनीताल

रिपोर्ट। ललित जोशी / हर्षित जोशी

सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों पीक सीजन व छुटियो के चलते आवाजाही के लिए यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना झेलना पड़ रहा है। यहां बता दें नैनीताल घूमने के लिए आ रहे यात्रियों को अगर उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने बस से नैनीताल व उसके आसपास आना है।
तो संघर्ष करके ही सीट मिल सकती है। यह इसलिए हुआ कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड के मारचुला मार्ग में ओभरलोड बस के एक्सीडेंट से परिवहन विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी। तो इसके एवज में चालक परिचालक बस में अधिक सवारी नही ले जा रहे हैं।


जबकि उत्तराखण्ड़ परिवहन विभाग कई दावे करते रहती है कि यात्रियों को कोई परेशानी न हो हकीकत आप स्वयं देख सकते हैं।
बस में बैठने की जदोजेहाद के लिए कैसी मारामारी हो रही है।
इधर प्राइवेट बस वाली की इतनी मनमानी है अगर आप प्राइवेट बस से यात्रा कर रहे हैं तो न तो यात्रियों को टिकट दिया जाता है और न ही कोई ओवभरलोड बस पर रोक है। इधर इसको देखने के लिए या रोक टोक के लिए कोई प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती है।


कुमाऊँ मंडल के अधिकांश जनपदों में जहां जहां प्राइवेट बस चलाई जाती है उस पर सवार यात्रियों को कोई भी टिकट नहीं दिया जाता है। जबकि कई चौकियों से बस गुजरती है। पर रोक टोक करने वाला कोई नहीं है। न ही परिवहन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी और न ही जिला प्रशासन के साथ साथ पुलिस प्रशासन भी अनदेखा कर रही है। जबकि वास्तविकता से हर कोई वाकिफ है ।


एक जनपद जिला ऊधमसिंह नगर ,व नैनीताल की ही बात करें तो हल्द्वानी से अधिकांश बस जो प्राइवेट इधर उधर जाती हैं उसमें किसी भी यात्री को टिकट नहीं दिया जाता है। जब परिचालक से पूछा जाता है तो उसका एक ही जवाब होता है कई सालों से ऐसा ही चल रहा है। आगे सुधार किया जायेगा। अब देखना है भविष्य में शाशन प्रशासन कब तक चेत ता है।और कब तक इन प्राइवेट बस में टिकट सिस्टम लागू होता है यह भविष्य के गर्त छुपा हुआ है।