सेना के बैंड की मधुर धुनों और बोल बदरी विशाल जी की जयकारे के साथ बन्द हो गए भू बैकुंठ नगरी श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट, बदरीनाथ धाम के कपाट
बंद होने से पूर्व श्री बदरी विशाल जी को ओढ़ाया गया आस्था और आत्मीयता से बुना गया घृत कंबल, माता महा लक्ष्मी को रखा गया श्री बदरी विशाल जी के सानिध्य में, इससे पूर्व श्री उद्धव जी और कुबेर जी को दूसरे द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया, ठीक रात्रि 9बजकर 07मिनट पर भगवान श्री बदरी विशाल जी के मंदिर के श्री कपाट विधि विधान पूर्वक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए,,,,, अब आज से जगत पालन हार श्री हरी नारायण
प्रभु की नित्य पूजा अर्चना का दायित्व शेष 6माह के शीतकाल हेतु देवताओं द्वारा संपादित किया जाएगा, वहीं उद्धव जी और कुबेर जी की देव डोलियां कल प्रातः काल बाद पांडु नगरी पांडुकेश्वर अपने शीतकालीन प्रवास के लिए रवाना हो जाएंगे,,,,