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रिपोर्ट -दिनेश गुलाटी (दीना)
स्थान- हल्द्वानी
दिवाली के 11 वें दिन देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) मनाई जाती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि इसी दिन भगवान विष्णु 4 महीने के बाद योग निद्रा से जागते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु (Goddess Lakshmi And Lord Vishnu) की आराधना करने का विधान है.
इस दिन से ही विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और उपनयन जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. हालांकि देवउठनी एकादशी व्रत की तिथि (Devuthani Ekadashi 2023 Date) को लेकर कई लोगों के मन में कंफ्यूजन बना हुआ है. अगर आप भी उनमें से एक है जिन्हें तारीख को लेकर संशय है तो यहां जान लीजिए कब रखा जाएगा देवउठनी एकादशी का व्रत कब है. जानें पूजा का मुहूर्त और महत्व.वैदिक पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11:03 से शुरू होगी
और इसका समापन 23 नवंबर रात 9:01 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार देवउठन एकादशी व्रत 23 नवंबर को रखा जाएगा. वहीं व्रत का पारण 24 नवंबर की सुबह 6:51 से सुबह 8:57 तक किया जाएगाएकादशी के शुभ योग की बात करें तो ये दिन पूजा पाठ के लिए उत्तम माना जाता है. आपको बता दें कि इस बार तीन योग बनने जा रहे हैं. रवि योग सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:55 से शुरू होगा.
वहीं रवि योग सुबह 6:50 से शाम 5:16 तक रहेगा.इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो जाएगाहिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है. इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना करने से व्यक्ति की समस्याओं का निराकरण होता है और पाप दूर हो जाते हैं. कहा तो यह भी जाता है कि ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इस खास दिन दान करने से घर में सुख समृद्धि ऐश्वर्य बल बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है