धूमधाम से मनाया गया भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक महाराज के दिवस

धूमधाम से मनाया गया भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक महाराज के दिवस

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रिपोटर -लक्ष्मण बिष्ट

स्थान -चम्पावत

:सन 1965 के भारत पाक युद्ध में भारतीय सेना की 9 कुमाऊं रेजीमेंट के शौर्य के प्रतीक महाराज के दिवस को लोहाघाट के सैनिक विश्राम गृह में पूर्व सैनिकों व वीर नारियों ने धूमधाम से मनाया 9 कुमाऊं के पूर्व सूबेदार ललित सिंह अधिकारी की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में 9 कुमाऊं की इस वीरगाथा को याद कर इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए वीर नारियों व युद्ध में शामिल हुए जवानों को सम्मानित किया गया 1965 भारत-पाक युद्ध के विजेता 9 कुमाऊं के हवलदार भूप सिंह व हवलदार प्रेम सिंह ने बताया जब 1965 का युद्ध शुरू हुआ था

9 कुमाऊ उत्तराखंड के धारचूला में तैनात थी जब 9 कुमाऊं को युद्ध में जाने का आदेश मिला इसके बाद पलटन रवाना हुई हवलदार भूप सिंह ने बताया 9 कुमाऊं जब युद्ध में शामिल हुई तो पलटन के जवानों ने बड़ी बहादुर से लड़ते हुए पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराते हुए 7 सितंबर 1965 को पलटन पाकिस्तान के भीतर घुस गई और पाकिस्तान के सियालकोट के महाराज के गांव पर कब्जा कर लिया इसके अलावा रेलवे लाइन पर भी पलटन ने कब्जा कर लिया उन्होंने बताया पलटन और आगे बढ़ती तब तक युद्ध विराम की घोषणा हो गई जिसके बाद 9 कुमाऊं लगातार 3 महीने पाकिस्तान में ही रही तथा अधिकारियों का आदेश मिलने के बाद पलटन वापस अपने तैनाती स्थल धारचूला पहुंची हवलदार भूप सिंह ने बताया इस युद्ध में 9 कुमाऊं के 8 से 9 वीर सैनिक शहीद हुए

तभी से 9 कुमाऊं अपने जवानों की इस बहादुरी और पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय को महाराज के दिवस के रूप में धूमधाम से मनाती है हवलदार भूप सिंह व हवलदार प्रहलाद सिंह ने कहा हमें गर्व है कि हम इस युद्ध में शामिल हुए थे और तिरंगे की आन बान और शान की रक्षा करी थी उन्होंने कहा हमें अपनी पलटन 9 कुमाऊं में भी काफी गर्व है आयोजन में मेजर सुरेश सिंह फर्त्याल, स्क्वाड्रन लीडर अमरदीप फर्त्याल, पूर्व कैप्टन आर एस देव,कैप्टन रघुवीर,कैप्टन अमर सिंह बोहरा सहित कई पूर्व सैन्य अधिकारी ,वीर नारियां व पूर्व सैनिक शामिल रहे