सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा

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रिपोर्टर – राहुल सैनी

स्थान – मंगलौर

उत्तराखंड प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए करोड़ो रूपये खर्च किये जाने का दावा किया जाता है, सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के नाम पर कागजी खाना पूर्ति कर लोगों को इलाज से वंचित किया जा रहा है। अधिकांश सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है तो कही अस्पतालों में सुविधाओ की कमी, जबकि कोरोना काल मे सरकारी अस्पतालों की दुरदर्शा दरुस्त किये जाने का आदेश दिये गए थे। ओर विधायक निधि द्वारा अस्पतालों में सुविधाएं मुहैया कराई गई,

जिससे लोगो को बेहतर सुविधा दी जा सके। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण अधिकांश अस्पतालों में रखी गई मशीनें धूल फांक रही है। मंगलौर के सरकारी अस्पताल में एक वर्ष पूर्व एक्सरे मशीन दी गई थी ओर विभाग द्वारा एक्सरे टेक्नीशियन की तैनाती भी कर दी गई है लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी एक्सरे मशीन नही चल पाई, मशीन कर आधे पार्ट विभागीय कागजों में धूल फांक रहे है। जबकि एक वर्ष से लगातार एक्सरे टेक्नीशियन को तनख्वाह दी जा रही है।

एक लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में बने मंगलौर के सरकारी अस्पताल में रोज़ाना सेकड़ो की संख्या में लोग उपचार के लिए आते है। एक्सरे की सुविधा न मिलने से लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि कई बार विभागीय अधिकारियों को एक्सरे मशीन के बचे हुए आधे पार्ट्स के लिए गुहार लगा चुके है लेकिन विभागीय अधिकारी इस पर कोई सुध नही ले रहे है। अधिकांश अस्पतालों में बेड की व्यवस्था तक दरुस्त नही है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पर सवालिया निशान उठना तय है।