काशीपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित, दावेदार हुए मायूस

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रिपोर्टर- अज़हर मलिक

स्थान- काशीपुर

टिकट बंटवारे की लिस्ट जारी होते ही भाजपा और कांग्रेस में कई दावेदारों के अरमानों पर पानी फिर गया | कई नेता बगावत के स्वर मुखर हुए तो कई नेताओं के दिल के अरमां आंसुओं में बह गए | यही नहीं कुछ ऐसे भी हैं जो कुछ कह भी ना सके और कुछ कर भी ना सके | आखिर पार्टी हाईकमान का फैसला मानकर एक मंच पर तो नजर आये मगर टिकट ना मिलने की टीस चेहरों पर साफ झलक रही थी | बता दें कांग्रेस की लिस्ट फाइनल होने के बाद काशीपुर महानगर कांग्रेस में  पूर्व सांसद केसी.सिंह बाबा के बेटे को पैराशूट कैंडिडेट के तौर पर पार्टी ने उतारा है।

कांग्रेस हाईकमान ने काशीपुर विधानसभा सीट से एक बार फिर राजघराने को तवज्जो देकर पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा के बेटे पर दांव खेला है  और नरेश चन्द्र सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है | जबकि कांग्रेस में दावेदारों की एक लम्बी लिस्ट थी | वहीं सुबह से ही कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की गोपनीय बैठक चलती रही, लेकिन पार्टी हाईकमान के फैसले पर सभी ने अपनी सहमति दिखाई |

बता दें कि नरेश चन्द्र सिंह कभी-भी पार्टी की नीतियों से परिचित नहीं हुए | वहीं अचानक से उनका प्रत्याशी बनकर सामने आना, सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे नेताओं को अचंभित कर गया |  बहरहाल फैसले से कार्यकर्ता नाखुश जरूर हैं लेकिन चुनाव में अब सभी नेता और कार्यकर्त्ता एकजुटता की बात कर रहे हैं।

काशीपुर सीट आजादी के बाद से कांग्रेस की मानी जाती रही है | लेकिन अंदरूनी गुटबाजी और खेमेबाजी के चलते इस सीट पर पिछले 35 सालों से भाजपा का कब्जा है | हर बार चुनावों में कांग्रेस की ये ही गुटबाजी उसकी नैय्या डुबोती रही है |

वहीं एक बार फिर पार्टी कार्यकर्ताओं की मंशा के विपरीत टिकट देकर पार्टी हाईकमान ने भले ही अपना फैसला कार्यकर्ताओं पर थोप दिया हो और कार्यकर्ता पार्टी फोरम पर काम करने को अपनी समहमति भी दर्ज कर रहे हों लेकिन राजघराने के कुंवर को कार्यकर्ता कितनी सिद्दत से चुनाव लड़ते हैं  और क्या अंदरूनी गुटबाजी को हाईकमान खत्म कर पाता है, यह अभी कांग्रेस हाईकमान के लिए बड़ी चुनौती होगा।