जानिए क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्यौहार

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मकर सक्रांति भारत का एक प्रमुख त्यौहार है| पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तब यह पर्व मनाया जाता है, और इसी आधार पर इसका नाम मकर सक्रांति रखा गया है |इसके विपरीत  मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान् भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं | अतः इस दिन को मकर सक्रांति के नाम से जाना जाता है |

उत्तराखंड में इसे उत्तरायण भी कहा जाता है | परन्तु कर्नाटक, केरल ,व आन्ध्र प्रदेश में इसे केवल सक्रांति के नाम से जाना जाता है| इसके अलावा तमिलनाडु में इसे पोंगल उत्सव के रूप में मनाया जाता है | वैसे तो इसे भारतवर्ष तथा नेपाल के सभी प्रान्तों में अलग –अलग नाम व तरीकों से पूर्ण भक्ति व उत्साह के साथ मनाया जाता है | सामान्यत: यह जनवरी माह की 14 या 15 तारीख अथवा लोहड़ी पर्व के अगले दिन मनाया जाता है|

यदि बात करें उत्तराखंड की तो इस दिन सुबह से ही लोगों के बीच एक अलग ही रोमांच देखने को मिलता है ,पूजा-पाठ करने के बाद अपने बड़ों- बुजुर्गों से आशीर्वाद लेना और दोपहर के वक़्त घुगुत और खजूर नामक व्यंजन बनाया जाना इसकी प्रमुख विशेषता है | घुगुत पकवान बनने के कारण ही लोगों के बीच इसका नाम “घुगुती त्यौहार” भी सुना जा सकता है |