प्रधानमंत्री ने किया विद्युत परियोजना का शुभारंभ

ख़बरों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9634912113, 8057536955
न्यूज़ पोर्टल उत्तराखंड के यूट्यूब चैनल में सभी विधान सभा स्तर पर संवाददाता\विज्ञापन संवाददाता, ब्यूरो चीफ की आवश्यकता है, संपर्क करें – 9634912113, 8057536955

रिपोर्टर – ब्यूरो रिपोर्ट

स्थान – देहरादून

इस ऐतिहासिक अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, केन्द्रीय मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, युवा मामले व खेल,श्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे। भारत के प्रधानमंत्री ने एसजेवीएन की 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना और 66 मेगावाट धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की आधारशिला व 382 मेगावाट सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का शुभारंभ किया गया। हिमाचल प्रदेश के मंडी में एक भव्य समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिले में स्थित 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 जलविद्युत परियोजना और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और कांगड़ा जिले में स्थित 66 मेगावाट धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला रखी।

परियोजनाओं को एसजेवीएन द्वारा बिल्ड-ओन-ऑपरेट-मेंटेन (बूम) के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है। लूहरी स्टेज-1जल विद्युत परियोजना और सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना सतलुज नदी पर और धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना ब्यास नदी पर स्थित है। इस दौरान एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि नवंबर 2020 में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा 210 मेगावाट की लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना के लिए 1810 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी गई। परियोजना को जनवरी,2026 तक कमीशन किया जाना निर्धारित हैl कमीशनिंग के उपरांत यह परियोजना सालाना 758.20 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी। इस परियोजना को 66 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता भी प्रदान की गई है।

शर्मा ने बताया कि लूहरी स्टेज-1 परियोजना की मुख्य विशेषता है कि परियोजना में 80 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण किया जाना है। बांध से दो मुख्य पेनस्टॉक और दो सहायक पेनस्टॉक क्रमशः 80 मेगावाट प्रत्येककी दो टर्बाइनों और 25 मेगावाट प्रत्येककी दो टर्बाइनों का प्रचालन करेंगे। सरफेस पावरहाउस, बांध के टो में स्थित होगा। पर्यावरण के संरक्षण में योगदान करते हुए इस परियोजना से प्रतिवर्षपर्यावरण से 6.1 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना बीस लाख मानव कार्य दिवस रोजगार के अवसर सृजित करेगी, जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य को चालीस साल के परियोजना जीवनकाल के दौरान लगभग 1140 करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली से अत्यधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि धौलासिद्ध परियोजना की मुख्य विशेषताओं में 70 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण होना है, जो क्रमशः 33 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों का प्रचालन करेगा। इस परियोजना में एक टो डैम सरफेस पावर हाउस होगा और इस परियोजना के पूरा होने पर सालाना पर्यावरण से 2.4 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के परिणामस्वरूप आठ लाख मानव कार्य दिवसरोजगार के अवसर सृजित होंगे, जबकि हिमाचल प्रदेश को इस परियोजना से 461 करोड़ रुपए की मुफ्त विद्युत का लाभ होगा।

एसजेवीएन जलविद्युत, थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और पावर ट्रांसमिशन में व्यावसायिक रुचि रखता है, जिसकी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में भी उपस्थिति दर्ज है। एसजेवीएन ने कुल स्थापित क्षमता के साझा विजन- वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की परिकल्पना करकेव्यवसायिक विस्तार एवं विविधीकरण के लक्ष्यों हेतु तेज़ी अपनाई है।