
स्थान : रामनगर, उत्तराखंड
रिपोर्टर : सलीम अहमद साहिल

चालीस हजार से अधिक आबादी वाले मालधन चौड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर महिला एकता मंच के नेतृत्व में सोमवार को एक बड़ा जनांदोलन देखने को मिला। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की भारी कमी और मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव से नाराज़ स्थानीय महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराया।


पूरे कस्बे में बाजार बंद रहा। दुकानदारों ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने प्रतिष्ठान स्वेच्छा से बंद रखे। महिलाओं ने हाथों में बैनर और पोस्टर लिए हुए मुख्य चौराहे से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक रैली निकाली। बैनरों पर लिखा था — “नशा नहीं, हमें इलाज चाहिए”, “डॉक्टर दो, अस्पताल बचाओ”, और “शराब की दुकान खोलने वाली सरकार, अस्पताल कब खोलेगी?”

2019 से उठ रही मांगें, लेकिन हालात जस के तस
महिलाओं ने बताया कि 2019 से लगातार डॉक्टरों की नियुक्ति और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग की जा रही है। कुछ समय के लिए दो डॉक्टर भेजे भी गए, लेकिन कुछ महीनों में ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। अब स्थिति यह है कि मरीजों को 20-30 किलोमीटर दूर रामनगर या हल्द्वानी तक जाना पड़ता है।

महिला एकता मंच की संयोजिका, सुशीला देवी, ने कहा,
“सरकार शराब की दुकानें तो एक दिन में खोल सकती है, लेकिन हमारे इलाज के लिए डॉक्टर क्यों नहीं भेज सकती? क्या ग्रामीण महिलाओं की जान की कोई कीमत नहीं?”

प्रशासन बेखबर, जनप्रतिनिधि लापता
गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारत तो मौजूद है, लेकिन न तो नियमित डॉक्टर हैं, न ही दवाइयां और न ही जांच की व्यवस्था। महिलाओं का कहना है कि कई बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी जनता ने नाराजगी जताई।

क्या बोले स्थानीय लोग

दुकानदार महेश चंद्र ने कहा:
“हम हर आंदोलन में साथ हैं। जब तक इलाज की सुविधा नहीं मिलती, तब तक विरोध जारी रहेगा।”

गृहिणी रीना भट्ट ने बताया:
“गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत है। किसी भी इमरजेंसी में हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचता।”

सरकार कब जागेगी?
यह सवाल अब पूरे इलाके में गूंज रहा है। महिलाओं का कहना है कि यह आंदोलन अब चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा — यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगी।

