पायलट एसोसिएशन ने जताई गंभीर आपत्ति, AAIB की गोपनीयता पर उठाए सवाल

पिछले महीने अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के हादसे को लेकर जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर अब विवाद गहराता जा रहा है। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी और अब पायलट यूनियन ALPA (एयरलाइन पायलट एसोसिएशन) ने जांच की पारदर्शिता और गोपनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


ALPA के अध्यक्ष सैम थॉमस ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि,
“हम यह जानकर स्तब्ध हैं कि इतनी संवेदनशील रिपोर्ट बिना पायलटों को विश्वास में लिए मीडिया में लीक हो गई। इसमें पायलटों को दोषी ठहराने के प्रयास किए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट मीडिया को लीक हुई, जबकि जांच प्रक्रिया में न पायलटों को शामिल किया गया न ही कोई हस्ताक्षरित दस्तावेज साझा किया गया।


रिपोर्ट के 10 अहम खुलासे:
- तीनों सेकंड बाद दोनों इंजन बंद: टेकऑफ के महज़ 3 सेकंड के भीतर दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच अपने-आप कट-ऑफ मोड में चले गए।
- कॉकपिट में पायलटों के बीच भ्रम: CVR रिकॉर्डिंग में एक पायलट ने पूछा – “आपने कटऑफ क्यों किया?” – दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।”
- इंजन-1 का रीस्टार्ट सफल, लेकिन इंजन-2 फेल
- RAM Air Turbine एक्टिवेट: थ्रस्ट लॉस के बाद तुरंत ही RAT सक्रिय हो गया, जिससे इमरजेंसी एनर्जी सप्लाई शुरू हुई।
- मेडे कॉल, फिर क्रैश: हादसे से कुछ सेकंड पहले 08:09:05 UTC पर आखिरी मेडे कॉल किया गया।
- इंजन बंद, विमान ऊपर नहीं चढ़ पाया
- फ्लैप, गियर सामान्य थे; थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय मिले
- 1,000 फीट क्षेत्र में मलबा फैला: मेडिकल हॉस्टल परिसर पर विमान टकराया।
- विमान उड़ान योग्य था, कोई फ्यूल से जुड़ी गड़बड़ी नहीं
- फ्यूल कंट्रोल स्विच पहले से खराब नहीं था: बोइंग ने इस पर सलाह दी थी, लेकिन एयर इंडिया ने वैकल्पिक निरीक्षण नहीं किया।


ALPA की मांग – “हमें जांच में पर्यवेक्षक बनाएं”
ALPA ने सत्ताधारियों से मांग की है कि पायलट यूनियन को भी जांच प्रक्रिया में शामिल किया जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे। थॉमस ने कहा,
“अगर इस प्रकार की रिपोर्ट बिना आधिकारिक दस्तावेज के जारी होती रही, तो यह न केवल पायलटों की साख पर असर डालेगी, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह लगेगा।”




हादसे में 260 की मौत, सिर्फ एक यात्री बचा
एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर फ्लाइट AI171, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी। उड़ान के तुरंत बाद, तकनीकी गड़बड़ी के कारण यह बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में कुल 241 यात्री और 19 क्रू सदस्य थे। केवल एक यात्री जीवित बचा।


