
रिपोर्ट – – नदीम परवेज़
धारचूला
कोविड काल के बाद पहली बार भारत सरकार और चीन सरकार की अनुमति के पश्चात कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरू हो रही है। इस प्रतिष्ठित धार्मिक यात्रा के पहले दल को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा टनकपुर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किए जाने की संभावना है।



यात्रा का आयोजन विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में किया जा रहा है और इसे कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) द्वारा संचालित किया जा रहा है। यात्रा के पहले 50 यात्रियों के दल की तैयारी अंतिम चरण में है। यह दल 5 जुलाई की शाम धारचूला पहुंचेगा और 6 जुलाई की सुबह गुंजी के लिए प्रस्थान करेगा।


यात्रा कार्यक्रम:
- 5 जुलाई: पहला दल धारचूला पहुंचेगा
- 6-7 जुलाई: गुंजी में रुकाव
- 8 जुलाई: नाभी ढांग में रात्रि विश्राम (KMVN आवास में)
- 10 जुलाई: यात्रा दल करेगा चीन में प्रवेश
यात्रा को लेकर तैयारियां:
कुमाऊं मंडल विकास निगम के धारचूला शाखा प्रबंधक धन सिंह बिष्ट ने बताया कि बुद्धि, गुंजी, नाभी ढांग आदि स्थानों पर यात्रा के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।


धारचूला के उपजिलाधिकारी ने जानकारी दी कि यात्रियों की सुविधा के लिए बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) को निर्देश दिए गए हैं कि हर खराब मार्ग पर मशीनें तैनात की जाएं। वहीं, आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) द्वारा पूरे यात्रा मार्ग पर सुरक्षा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य और लॉजिस्टिक व्यवस्था:


यात्रा से पहले गुंजी में स्वास्थ्य जांच, अनुकूलन की व्यवस्था, और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी की जा रही हैं। नाभी ढांग में होशियार सिंह बिष्ट, गुंजी में नरेंद्र सिंह, और बुद्धि गांव में निगम की टीमों को तैनात कर दिया गया है।
यात्रा का स्वरूप:
कुल पांच दलों में लगभग 250 यात्री इस यात्रा में भाग लेंगे। हर दल क्रमवार यात्रा करेगा और नियमित अंतराल पर अगले दलों को प्रस्थान कराया जाएगा।

कई वर्षों बाद फिर से शुरू हो रही यह यात्रा सांस्कृतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय महत्व की दृष्टि से बेहद खास मानी जा रही है, और इसे सफल बनाने के लिए प्रशासन, निगम और सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त रूप से समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं।
