
स्थान:लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट :लक्ष्मण बिष्ट
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लोहाघाट द्वारा ऋषिश्वर महादेव मंदिर सभागार में एक भव्य योग अभ्यास शिविर, मर्म चिकित्सा संगोष्ठी और नदी संस्कृति संरक्षण विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ. अपराजित ने की।


कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत रूप से सभी अतिथियों के स्वागत-सम्मान के साथ हुआ। तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता शांभवी मुरारी ने योग और वेदों के अंतर्संबंध पर विचार रखते हुए कहा कि योग भारतीय ज्ञान परंपरा की अमूल्य धरोहर है।
योग अनुसेविका सोनिया आर्या ने मर्म चिकित्सा एवं तनावमुक्त जीवन विषय पर प्रेरक व्याख्यान प्रस्तुत किया, जबकि डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने नदियों और मानव सभ्यता के गहरे रिश्ते को उजागर किया।


योग शिक्षिका बीना जोशी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं नागरिकों को योगासन और मुद्राओं का अभ्यास करवाया। वहीं, ज्योतिषाचार्य डॉ. कीर्ति बल्लभ सट्टा ने “वेदों की ओर चलो” विषय पर ओजस्वी वक्तव्य देते हुए भारतीय जीवन शैली में वेदों की उपयोगिता को रेखांकित किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. संगीता गुप्ता ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए योग को भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग बताया और विद्यार्थियों को इससे नियमित जुड़ने की प्रेरणा दी।


कार्यक्रम में नमामि गंगे इकाई की ओर से ऋषिश्वर मंदिर के महंत स्वामी जी को मिट्टी का घड़ा भेंट स्वरूप प्रदान किया गया, जो जल संरक्षण का प्रतीक है। आयोजन का कुशल संचालन नोडल अधिकारी डॉ. सुमन पांडे ने किया।


इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद वर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सचिन जोशी, विधिक सेवा प्राधिकरण के राजीव मुरारी, सावित्री राय, गोपाल बिष्ट सहित अनेक गणमान्य नागरिक, एनसीसी कैडेट्स और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

यह आयोजन न केवल योग की उपयोगिता को रेखांकित करता है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और नदी संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता फैलाने का प्रेरक माध्यम बना।

