
स्थान : देहरादून

उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले के साथ ही लगभग तीन साल से न्याय की राह देख रहे अंकिता के परिवार और पूरे उत्तराखंड को राहत मिली है।



अंकिता को मिला इंसाफ
कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। फैसले के दौरान अंकिता के माता-पिता कोर्ट में मौजूद थे। बेटी की तस्वीर लिए पिता की आंखों में गम और उम्मीद दोनों झलक रही थीं। फैसले से पहले उन्होंने कहा था, “मुझे उम्मीद है कि मेरी बेटी को न्याय मिलेगा। मैं चाहता हूं कि दोषियों को फांसी दी जाए।”


क्या था पूरा मामला?
22 वर्षीय अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनतरा रिज़ॉर्ट से लापता हो गई थी, जहां वह रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी। 24 सितंबर को उसका शव चीला पावर हाउस की नहर से बरामद किया गया। जांच में सामने आया कि अंकिता की हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिज़ॉर्ट मालिक पुलकित आर्य (एक पूर्व मंत्री का बेटा), और उसके दो सहयोगी सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया।

एसआईटी जांच और कोर्ट कार्यवाही
हत्या के खुलासे के लिए डीआईजी पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई। जांच के बाद 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। अभियोजन ने कुल 97 गवाहों में से 47 प्रमुख गवाहों को पेश किया। 28 मार्च 2023 से गवाहों की गवाही का सिलसिला शुरू हुआ, और करीब दो साल आठ महीने की सुनवाई के बाद आखिरकार कोर्ट ने 30 मई को फैसला सुनाया।

प्रदेश भर में प्रदर्शन और जन समर्थन
इस जघन्य हत्याकांड के विरोध में पूरे उत्तराखंड में जन आक्रोश देखने को मिला। जगह-जगह प्रदर्शन हुए, और आमजन ने अंकिता के लिए न्याय की आवाज बुलंद की। सोशल मीडिया पर भी यह मामला लगातार सुर्खियों में बना रहा।

“यह सिर्फ हमारी बेटी का नहीं, पूरे उत्तराखंड की बेटी का इंसाफ है,” — अंकिता के पिता
“हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा था, हमारी बेटी को इंसाफ मिल गया,” — अंकिता की मां

न्याय की मिसाल बनी यह लड़ाई
अदालत के इस फैसले ने न्याय व्यवस्था में जनता के विश्वास को मजबूत किया है। यह मामला अब देशभर में महिला सुरक्षा और न्याय की प्रतीक मिसाल बन गया है।


