
रिपोर्ट : भगवान सिंह
स्थान : श्रीनगर (पौड़ी)
उत्तराखंड की पवित्र अलकनंदा नदी में बेहिसाब अवैध खनन को लेकर राज्य में एक बार फिर विरोध की लहर तेज हो गई है। उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के साथ-साथ अब चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं और हरिद्वार के संतों ने भी धामी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

उक्रांद नेता आशुतोष नेगी ने धामी सरकार पर 1000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नदी की रिवर ट्रेनिंग और ड्रेजिंग के नाम पर पवित्र अलकनंदा का सीना जेसीबी और पोकलैंड मशीनों से छलनी कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार को बेनकाब करने के चलते उन्हें फर्जी मामलों में जेल भेजा गया, लेकिन वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

संतों और श्रद्धालुओं का आक्रोश
चारधाम यात्रा पर निकले हरिद्वार मातृ सदन के संतों ने भी सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि गंगा को अलकनंदा के रूप में जन्म देने वाली नदी को उजाड़ना सनातन और पर्यावरण दोनों का अपमान है।
श्रद्धालुओं ने भी विरोध करते हुए कहा कि जो सरकार हिंदू धर्म की बात करती है, वही अब धर्म की जड़ों पर वार कर रही है।

हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला
इस मामले को लेकर श्रीनगर के ही भाजपा नेता और खनन व्यवसायी राजेंद्र बिष्ट ने भी नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि R.B.M. (रेत-बजरी-पत्थर) को महज ₹7 प्रति कुंटल की दर से बेचा जा रहा है, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।


जिलाधिकारी को ज्ञापन, जनांदोलन की चेतावनी
आशुतोष नेगी ने जिलाधिकारी पौड़ी को ज्ञापन सौंपते हुए श्रीनगर में प्रस्तावित खनन पट्टों को निरस्त करने और स्थानीय जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। चेतावनी दी गई है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो जनांदोलन छेड़ा जाएगा। इसके बाद प्रशासन ने जिले के खान अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित कर दी है।


सरकार पर दोहरा दबाव
अब स्थिति यह हो गई है कि संत समाज, विपक्षी दल, श्रद्धालु, और खुद भाजपा के खनन कारोबारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी, जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ और राजस्व में घोटाले के आरोपों ने धामी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
जनता अब पूछ रही है — “क्या खनन के नाम पर धर्म और प्रकृति की बलि दी जाएगी?”


