लकसर में जेके टायर फैक्ट्री विवाद पर आज महापंचायत: हजारों की भीड़ संभावित, वेतन वृद्धि और बहाली को लेकर गरमाएगा मुद्दा

लकसर में जेके टायर फैक्ट्री विवाद पर आज महापंचायत: हजारों की भीड़ संभावित, वेतन वृद्धि और बहाली को लेकर गरमाएगा मुद्दा

लकसर में आज जेके टायर फैक्ट्री कर्मचारियों की महापंचायत: वेतन वृद्धि और बहाली की मांग पर गरमाएगा माहौल, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा

लकसर, 07 अप्रैल
हरिद्वार जनपद के लकसर क्षेत्र में स्थित जेके टायर फैक्ट्री को लेकर चल रहे श्रमिक आंदोलन ने आज निर्णायक मोड़ ले लिया है। आंदोलित कर्मचारियों और उन्हें समर्थन देने वाले संगठनों की आज एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के जुटने की संभावना है।

महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

जेके टायर फैक्ट्री के कर्मचारी पिछले कुछ समय से नियमित वेतन वृद्धि (तीन वर्षीय वेतन समझौता) और टर्मिनेट किए गए कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। उनका आरोप है कि कंपनी प्रबंधन उनके अधिकारों की अनदेखी कर रहा है और श्रमिक हितों को लगातार कुचलने का प्रयास कर रहा है।

हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्रशासन द्वारा फैक्ट्री गेट के सामने चल रहे धरने को हटा दिया गया, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश और बढ़ गया।

प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद, कर्मचारियों को समर्थन देने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (पटेल गुट) के अध्यक्ष कीरत सिंह और पथिक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चौधरी वीरेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से 7 अप्रैल को महापंचायत का ऐलान किया था।

महापंचायत का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों की आवाज़ को एकजुट होकर प्रशासन और प्रबंधन तक पहुंचाना है। इसमें न केवल जेके टायर फैक्ट्री के कर्मचारी, बल्कि विभिन्न किसान संगठनों और जनसंगठनों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है।

महापंचायत को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इलाके में फ्लैग मार्च किया है। उच्च अधिकारियों की निगरानी में महापंचायत स्थल की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

एसडीएम और क्षेत्राधिकारी ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।

संभावना है कि आज की महापंचायत आने वाले दिनों में आंदोलन की दिशा तय करेगी। कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।