
स्थान :पूर्णागिरी (चंपावत )
रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट
चंपावत जिले के टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरी धाम में 15 मार्च से शुरू हुआ प्रसिद्ध 90 दिनों तक चलने वाला मेला लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ को आकर्षित कर रहा है। इस मेले में अब तक लगभग 5 लाख दर्शनार्थी मां के दर्शन कर चुके हैं। विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान, 30 से 35 हजार लोग प्रतिदिन मंदिर में पहुंचकर मां के दर्शन कर रहे हैं।


नवरात्रि के पहले दिन ही लगभग 80 हजार श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन किए।
मां पूर्णागिरी का मंदिर 9 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और इसे विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। कहा जाता है कि इस शक्तिपीठ में मां की नाभि का स्वरूप विद्यमान है, और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। श्रद्धालु यहां आकर न केवल मां के दर्शन करते हैं, बल्कि बच्चों का मुंडन भी यहां कराते हैं।

नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस धार्मिक स्थल पर आकर दर्शन करते हैं। दर्शन के बाद वे नेपाल के ब्रह्मदेव बाबा के दर्शन भी करते हैं, जिसके बाद यात्रा को पूर्ण माना जाता है।
इस मेले की समूची व्यवस्था जिला पंचायत द्वारा की जा रही है। पहली बार सुलभ इंटरनेशनल को सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है, और संस्था ने लगभग 90 सफाई कर्मियों की टीम बनाई है। इसके अलावा, 7 सुपरवाइजर भी सफाई व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।

मेला अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि बूम मंदिर से लेकर माता रानी मंदिर तक बिजली और पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न प्रकार की लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, और रात के समय बिजली कटौती की स्थिति में जनरेटर के माध्यम से लाइट की व्यवस्था की जाती है।
मां पूर्णागिरी धाम में हो रही यह धार्मिक महोत्सव श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन चुका है, जहां आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।


