विगत 14 नवंबर को केवीएम स्कूल की छात्रा के बरेली के फन सिटी वाटर पार्क में डूब कर मर जाने की घटना अभी भी सुर्खियों में है
स्वर्गीय अंजलि की मौत की रहस्यमई गुत्थी से आज पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पर्दा उठेगा स्कूल प्रशासन के द्वारा पिछले चार दिनों के बाद कल 17 नवंबर को प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें स्कूल में माना कि अंजलि पानी में डूबी थी जिसे स्कूल के छात्र-छात्राओं ने खींचकर बाहर निकाला इससे पहले स्कूल प्रबंधन तरह-तरह के बयान देकर मामले को सुलझाना चाहता था ।लेकिन जब स्कूल प्रबंधन को लगा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी तो स्कूल प्रबंधन बैक फुट पर आकर 4 दिन बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी करता है उसमें मानता है कि अंजलि पानी में डूबी थी सबसे बड़ी जांच की बात यह है कि उसे किसी अस्पताल में ले जाने के बजे स्कूल प्रशासन दे जो बड़ी धूर्तता की थी कि वह उसे एक प्राइवेट एंबुलेंस में रखकर सीधे उसे घर ले गया था और उसके परिजनों को इस बारे में गुमराह किया हुआ था।
पुलिस की जांच में अब आगे की कहानी से पर्दा उठेगा तो सच्चाई सामने आ जाएगी यहां स्कूल प्रबंधन की ओर से बताया गया की 12 लोगों का एक दल छात्र-छात्राओं की देखभाल के लिए साथ में गया था जबकि पूर्व में बयान बाजी में यह बताया गया था कि चार लोग प्रबंधन की ओर से भेजे गए थे जिसमें उप प्रधानाचार्य भी शामिल थे।
स्कूल प्रबंधन के द्वारा 4 दिन के बाद विज्ञप्ति जारी करने से एक बार यह मामला लोगों के लिए सुर्खियां बन गया है कि आखिर चार दिन तक पहन के पीछे रहकर सिर्फ अपने दूसरे विद्यालय की प्रधानाचार्य की तरफ से एक प्रतिनिधि को उसके घर में भेज कर सांत्वना देने का प्रयास किया गया जिसका क्षेत्रीय महिलाओं ने डटकर विरोध किया था तथा उसे उल्टे पांव वापस होना पड़ा था
वही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस इसकी जांच में तेजी ला सकती है तथा जीरो एफआईआर को इज्जत नगर पुलिस के पास ट्रांसफर करने के बाद इज्जत नगर पुलिस तेजी से जांच कर इस मामले में लापरवाही बरतने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है ।
वही हंसता खेलता परिवार बिखरने के बाद जहां अंजलि की मां लगातार बीमार चल रही है तथा कई बार उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनकी सेहत पर लगातार बुरा असर पड़ रहा है जिससे निश्चित रूप से अगर कहीं उनकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है तो इसके लिए भी गैर इरादतन हत्या करने का मुकदमा भी स्कूल प्रबंधन पर चलाए जा सकता है क्योंकि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से ही उनकी तबीयत खराब हुई है
वही समाज में इस बात की खुलकर चर्चा में है कि स्कूल प्रबंधन सिर्फ अपनी जेब में गर्म करने के लिए इस तरह से टूर आयोजित करते हैं तथा अभिभावकों की जेब पर दबाव डालते हैं बताया गया कि इस टूर पर प्रत्येक छात्र-छात्रा से 18 सौ रुपए की वसूली भी की गई थी।
जबकि सभी जानते हैं कि इस दौरान वॉटर पार्क पूरी तरह से खाली रहते हैं तथा वह है सिर्फ अपने खर्च चलाने के लिए सीजन से काफी कम पैसा लोगों से लेते हैं तथा परिवहन भी शादी से पहले खाली रहता है इससे वह किराए भी कम लेता है परिजनों का मानना है कि कहीं ना कहीं यह स्कूल प्रबंधन की एक राजस्व वसूली का भी तरीका भी माना जा रहा है।