मसूरी उत्तराखंड
रिपोर्टर धर्मेंद्र सिंह
अभिवाजित भारत के लाइन ऑफ पंजाब कहे जाने वाले महाराजा रणजीत सिंह के सबसे छोटे पुत्र दिलीप सिंह की 186वीं वर्षगांठ पर श्री राधा कृष्ण मंदिर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई दुनिया के बेशकीमती माने जाना वाला कोहिनूर हीरा महाराजा दिलीप सिंह के गले की शान हुआ करता था जिन्हें अंग्रेजों ने छल
से अपने कब्जे में ले लिया था महाराजा दिलीप सिंह का मसूरी से गहरा नाता रहा है उन्होंने कई वर्ष मसूरी में बिताए उनके पिता महाराजा रणजीत सिंह बहुत बड़ी साम्राज्य के महाराजा हुआ करते थे जिनकी राजधानी लाहौर में स्थित थी
इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि प्रथम सिख एंग्लो युद्ध में अंग्रेजों ने ब्रिटिश शासन में उनके साम्राज्य को मिला दिया था और एक संधि के तहत कोहिनूर हीरा अपने देश ले गए साथ ही हिंदुस्तान से अरबों खरबों के सोने चांदी के जावरा जेवरात भी यहां से ले गए महाराजा दिलीप सिंह को मसूरी भेज दिया गया
इस मौके पर मसूरी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि महाराजा रणजीत सिंह का साम्राज्य तिब्बत से लेकर पंजाब दिल्ली तक था और उनके सबसे छोटे पुत्र दिलीप सिंह कई वर्षों तक मसूरी में रहे कोहिनूर हीरा महाराजा दिलीप सिंह के गले की शान हुआ करता था