सुई पंपिंग पेयजल योजना की पाइपलाइन न बदलने से आक्रोसित ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान जल संस्थान पर लगाया भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप

सुई पंपिंग पेयजल योजना की पाइपलाइन न बदलने से आक्रोसित ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान जल संस्थान पर लगाया भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप

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रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट

स्थान:लोहाघाट (चंपावत)

लोहाघाट जल संस्थान के द्वारा लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से सुई पंपिंग पेयजल जल योजना का निर्माण किया था लेकिन योजना बनने के बाद से ही विवादों के घेरे में आ गई थी ग्रामीणों ने योजना में जंग लगा लाल पानी आने की शिकायत कई बार जल संस्थान के अधिकारियों से करी डीएम के द्वारा भी योजना का निरीक्षण कर जल संस्थान को जांच के आदेश दिए

गए जिस पर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता बिलाल यूनुस के द्वारा ग्रामीणों को जल्द पेयजल योजना के पाइप बदलने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं करी गई इसके बाद ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भी शिकायत करी वहां से भी कोई राहत नहीं मिल पाई ग्रामीण जल संस्थान पर पेयजल योजना निर्माण में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा रहे हैं

वहीं शुक्रवार को सुई की आक्रोसीत महिलाओ व पुरुषों ने योजना स्थल में जाकर जल संस्थान व प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए लोकसभा चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया आक्रोशित महिलाओं ने कहा जल संस्थान के द्वारा तीसरे दिन मात्र 15 मिनट पानी दिया जा रहा है वह भी गंदा जिस कारण क्षेत्र के कई बच्चे व बुजुर्ग पीलिया और टाइफाइड की चपेट में आ गए हैं जिस कारण उन्हें बाहर के अस्पतालों में ले जाना पड़ा है

महिलाओं ने कहा उनके पास मवेशियों को पिलाने तक के लिए पानी नहीं है वहीं ग्रामीणों ने ऐलान करते हुए कहा सुई का कोई भी ग्रामीण 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेगा कोई भी ग्रामीण बूथ में नहीं जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन व जल संस्थान की होगी ग्रामीणों ने योजना की जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करी है वहीं पेयजल ना आने से सुई क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है मालूम हो इस योजना से लगभग 5000 की आबादी जुड़ी है

वहीं ग्रामीण कई बार योजना की पेयजल लाइन बदलने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं डीएम से लेकर सीएम कार्यालय के धक्के खा चुके हैं पर मामले में कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन जल संस्थान के अधिशासी अभियंता के द्वारा दिए गए जिसके चलते ग्रामीणों को चुनाव बहिष्कार का निर्णय लेना पड़ा