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रिपोर्टर-मनोज हालदार
स्थान-शाक्तिफार्म
शाक्तिफार्म बंगाल से आए विस्थापित बंगाली समुदाय के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.बीती 28 फरवरी को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी बताते चले कि ऊधमसिंह नगर के आरटीआई कार्यकर्ता निखिलेश घरामी ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने इस मामले को चुनौती देते हुए कहा है कि साल 1952, 1964 और 1970 में पूर्वी पाकिस्तान यानी बंगाल से आए
शरणार्थियों को ऊधमसिंह नगर जिले में बसाया गया उन्हें भूमि भी उपलब्ध कराई गई जिन्हें केंद्र सरकार ने ‘नमो शूद्र’ पौंड, मांझी के बांगाली लोगों को अनुसूचित जाति के दर्जा के साथ प्रमाण पत्र भी जारी किया गया था। इतना ही नहीं तत्कालीन समाज कल्याण विभाग ने इनके बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ भी दे दिया. इसके बावजूद उन्हें अनुसूचित जाति की योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है वो कई बार प्रत्यावेदन सक्षम अधिकारियों को दे चुके हैं वही इतना ही नही नैनीताल-उधमसिंह नगर के लोकसभा सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने भी साल 2019 में इस मामले को लोकसभा में उठाया था।
बता दें कि आजादी के बाद पाकिस्तान से करोड़ों लोग भारत आए थे इनमें से कई लोग पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश से भी आकर बसे थे।इन लोगों को तराई में बसाया गया। बंगाली समाज के इन लोगों को साल 1952-53 में पीलीभीत और नैनीताल के अलावा उधमसिंह नगर जैसे कई जिलों में बसाया गया. सबसे पहले दिनेशपुर फिर शक्तिफार्म, सितारगंज और रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप में उन्हें बसाया गया.
वहीं, इन लोगों को आजीविका चलाने के लिए खेती के लिए जमीन दी गई जबकि, साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद बंगाली समाज के छात्रों के प्रमाण पत्र पर विस्थापित ‘पूर्वी पाकिस्तान’ शब्द लिखा जाने लगा. जिसका बंगाली समाज के लोगों ने विरोध किया क्योंकि, प्रमाण पत्रों पर पूर्वी पाकिस्तान शब्द लिखे जाने से ये लोग खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे!
वही प्रमाणों पत्रों से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटाने के लिए बंगाली समाज के लोगों ने कई बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मिले कई बार ज्ञापन भी राज्यपाल को भेजा वहीं, तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नेशपुर में उनके प्रमाण पत्रों से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने का भरोसा दिया! जिसके बाद पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने और उन्होंने अगस्त 2021 में बंगाली समाज के प्रमाण पत्रों से ‘पूर्वी पाकिस्तान’ शब्द को हटाने के लिए कैबिनेट में मुहर लगाई।
इधर नैनीताल न्यायालय द्वारा जारी नोटिस पर बंगली समाज ने खुशी जाहिर की है और कहा है कि जल्द ही उनको पहले जैसे ही अनुसुचित जाति का दर्जा प्राप्त होगा।