हल्द्वानी: आशाओं का चढ़ा पारा…बोंलीं काम ज्यादा और मानदेय के नाम पर लॉलीपॉप

हल्द्वानी: आशाओं का चढ़ा पारा…बोंलीं काम ज्यादा और मानदेय के नाम पर लॉलीपॉप

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रिपोटर-पंकज सक्सेना

स्थान-हल्द्वानी

एक तरफ जहां भोजनमाताओं ने सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है वहीं दूसरी ओर आशा कार्यकत्रियों में भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को आशा कार्यकत्रियों ने बुद्ध पार्क में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकत्रियों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाओं को विभाग के सभी अभियानों और सर्वे में लगा दिया गया है, दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की सेवा से शुरू करते हुए आज आशा वर्कर्स को सारे काम करने पड़ रहे हैं लेकिन सरकार आशाओं को न्यूनतम वेतन तक देने को तैयार नहीं है।

आशाओं को उनके काम के अनुरूप पैसा मिलना तो दूर वादा किया गया पैसा भी नहीं मिल रहा है। एक तो आशाओं को सरकार की ओर से न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा भी नहीं मिलता दूसरी ओर काम के बोझ लादा जा रहा है वहीं विभिन्न मदों का प्रति माह मिलने वाला पैसा छह छह माह तक नहीं मिल रहा है जिसके कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आशाओं को नियमित वेतन तो सरकार दे नहीं रही है और ट्रेनिंग का पैसा भी घटता जा रहा है। पल्स पोलियो अभियान में भी प्रतिदिन सौ रुपए मात्र पर पूरा हफ्ता आशाओं को अभियान चलाना होता है

वहीं ऐक्टू ने आशाओं का समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड द्वारा आशाओं के मानदेय को लेकर बनाए गए 2021 के प्रस्ताव को लागू करने का वादा पूरा करना चाहिए। सेवानिवृत्त होने वाली आशाओं को एकमुश्त धनराशि व आजीवन पेंशन का प्रावधान किया जाना चाहिए और समय भुगतान के अलावा ट्रेनिंग व पल्स पोलियो अभियान के दौरान प्रति दिन पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाना चाहिए वहीं आशाओं ने एक स्वर में कहा कि यदि उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देगी तो उन्हें एक बार फिर से राज्यव्यापी आन्दोलन को बाध्य होना पड़ेगा।