हल्द्वानी: राज्य में वीआईपी कल्चर समाप्त करें सरकार, वीआईपी कल्चर बना जन दुविधा,बल्यूटिया

हल्द्वानी: राज्य में वीआईपी कल्चर समाप्त करें सरकार, वीआईपी कल्चर बना जन दुविधा,बल्यूटिया

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रिपोट- ब्युरो रिपोट

स्थान -हल्द्वानी

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर में जाम से जानता हो रही है बेहाल प्रोटोकॉल का पालन करना पुलिस की मजबूरी, अपराधी हो रहे बेखौफ कॉंग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने आरोप लगाते हुए कहा जहाँ जनप्रतिनिधि को जहाँ जनता को सुविधा देनी चाहिए वहीं वीआईपी मूवमेंट के नाम पर रूट डायवर्ट करने पर जनता का उत्पीड़न हो रहा है। वीआईपी मूवमेंट के नाम पर रूट डायवर्ट करने से शहरों में जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है जिससे स्कूली बच्चों, एम्बुलेंस व दफ्तर जाने वालों का साथ-साथ आम जन को जाम में फँसने से कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।


कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि कुमाऊं का प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर की जनता इन दिनों जाम से परेशान है। विभिन्न कार्यक्रमों में आने वाले वीआईपी के कारण प्रशासन हर रोज रूट डायवर्जन कर जनता के हितों की अनदेखी कर रहा है। रूट डायवर्जन के कारण शहर की हर सड़कों और गली मोहल्लों में जाम जाम लगना आम बात हो गई है। लोगों को अपनी गंतव्य तक पहुंचने में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। एंबुलेंस के जाम में फंसने से जहां मरीजों की जान में आफत आ रही है, वहीं स्कूली बच्चे भी समय पर स्कूल और अपने घरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

जिस कारण उनके अभिभावक भी परेशान रहते हैं। शादियों का सीजन होने के कारण पहाड़ से यहां खरीदारी करने पहुंच रहे लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी अपने दफ्तर छोड़कर प्रोटोकॉल का पालन करने को मजबूर है। जिस कारण आम जनता के काम नहीं हो पा रहे हैं। पुलिस प्रशासन के प्रोटोकॉल में लगे होने के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। शहर में हत्या और चोरी की वारदातें होना आम बात हो गई है। गत दिवस शहर में हुए एक वीआईपी शादी प्रोग्राम में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के यहां होने के बीच पुलिस और अधिकारी प्रोटोकॉल में व्यस्त रहे, जबकि उसी दिन शाम को रामपुर रोड में कत्था फैक्ट्री के पास सरेआम एक हत्या की वारदात हो गई।

जबकि नैनीताल रोड में तिकोनिया के पास चलती गाड़ी से बदमाशों ने एक युवक को गोली मार दी, जो गंभीर रूप से घायल है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह वीआईपी कल्चर को समाप्त करे। साथ ही सरकार को चाहिए कि वह किसी भी वीआईपी के पीछे पूरे सिस्टम को ना झोंके।वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते अधिकारी दफतर में नहीं बैठ रहे हैं जिससे जनता की फाईलें अधर में लटकी रहती हैं। वीआईपी मूवमेंट के नाम पर रूट डायवर्ट करने के बजाय उच्च न्यायालय के जजों की भाँति वीआईपी को पुलिस पेट्रोलिंग से एक स्थान से दूसरे स्थान बिना किसी को परेशान किए सुरक्षित ले जाया सकता है।