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रिपोटर-मनोज कश्यप
स्थान-हरिद्वार
धर्मनगरी हरिद्वार में 1960-61 में 9 गॉवो की भूमि अधिग्रहण कर बीएचईएल की स्थापना की गई थी,
सरकार द्वारा बीएचईएल के लिए अधिग्रहित की गई शेष खाली जमीन की वापसी को उक्त 9 ग्रामों के किसानों द्वारा बनाई गई किसान संघर्ष समिति द्वारा 2013 से लगातार आंदोलन किया जा रहा है, किसान संघर्ष समिति द्वारा एक बार फिर अपने आंदोलन को गति देंते हुए केंद्र एवम राज्य सरकार से मांग की है कि वह जल्द ही किसानों को उनकी जमीन वापसी का सकारात्मक फैसला ले, अन्यथा किसान संघर्ष समिति को उग्र आंदोलन को विवश होना पड़ेगा।
आज किसान संघर्ष समिति द्वारा हरिद्वार प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर केंद्र एवम प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह किसानों के द्वारा 1960 में बीएचईएल के कारखाने के निर्माण के लिए दी गई 9 गावो की 8000 एकड़ जमीन में से खाली पड़ी 5000 एकड़ जमीन को किसी अन्य को ना देकर जिन किसानों से जमीन अधिग्रहण की गई है, उन्हें ही लौटाई जाए। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बलवंत चौहान ने प्रेस वार्ता कर बताया, कि किसानों द्वारा देश हित में बीएचईएल को अपनी जमीन दी गई थी,
जिसके बाद बीएचईएल कारखाना बनने के बाद शेष बची जमीन पर बीएचईएल द्वारा आवास विकास कॉलोनी, टिहरी विस्थापित एवम अन्य आवासीय कॉलोनिया बना दी गई है, उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति अपनी खाली पड़ी 1500 एकड़ जमीन की भूमि की वापसी की मांग करती है, उन्होंने कहा कि अगर किसानों की जमीन उन्हें वापस नही दी गई तो किसान संघर्ष समिति आंदोलन को विवष होंगी।