समलैंगिक पर सुप्रीम कोर्ट का फैंसला पर सन्तो की प्रतिक्रिया

समलैंगिक पर सुप्रीम कोर्ट का फैंसला पर सन्तो की प्रतिक्रिया

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रिपोटर -नरेश तोमर

स्थान -हरिद्वार

सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक विवाह को अमान्य करार देने के बाद से इस पर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. जहां तमाम लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराज हैं तो वहीं कई लोगों ने इस निर्णय का स्वागत किया है. हरिद्वार के संतों ने कोर्ट के फैसले की प्रशंसा की है तो वहीं ताजा बयान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की ओर से सामने आया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही कहते हुए

समलैंगिकता को एक विकृति बताया है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इस पर रोक लग सकेगी. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगर समाज में समलैंगिक शादियां होंगी तो संतान उत्पन्न नहीं होगी और पीढियां आगे नहीं बढ़ सकेंगी. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए. इसी के साथ उन्होंने समलैंगिक विवाह को समाज के लिए भद्दा मजाक बताया.अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने मीडिया से बात करते हुए

कहा कि सेम सेक्स मैरिज हमारे समाज के लिए भद्दा मजाक है. उन्होंने कहा कि हम जैसे आध्यात्मिक लोग हैं वो सेम सेक्स मैरिज को गाली की तरह मानते हैं. उन्होंने आगे कहा कि कैसे शादी हो, किसके साथ शादी हो, पुरुष और स्त्री, ये तो भगवान ने बनाया है. उन्होंने रीति-रिवाज का हवाला देते हुए कहा कि पुरुष की शादी स्त्री से हो, स्त्री की पुरुष से हो, आज तक यही रीति है, यही रिवाज है.

अब आदमी ही आदमी के साथ शादी कर ले ये कैसे हो सकता है. ये अच्छी बात नहीं कि एक स्त्री भी स्त्री से शादी करे. उन्होंने कहा कि अगर ये सब होने लगा तो बच्चे कहां से पैदा होंगे