मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को हुए, 2 साल फिर भी अभी तक नही हुआ, डनगांव में सड़क का निर्माण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को हुए, 2 साल फिर भी अभी तक नही हुआ, डनगांव में सड़क का निर्माण

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रिपोटर -लक्ष्मण बिष्ट

स्थान-लोहाघाट

लगभग 2 साल पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा नेपाल सीमा से लगे दूरस्थ कायल गांव के ग्रामीणों की समस्या का संज्ञान लेते हुए, डन गांव से कायल तक 8 किलोमीटर सड़क निर्माण की घोषणा करी थी |सीएम धामी की घोषणा के बाद ग्रामीणों के लोगो ने जश्न मनाया था |

क्षेत्र के ग्रामीण मोहन चंद्र पांडे व ग्रामीणों ने बताया मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लगभग एक से डेढ़ साल पहले वन विभाग ,लोनीवी और राजस्व विभाग की टीम के द्वारा सड़क की सर्वे करी गई लेकिन उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया पांडे ने कहा सीएम की घोषणा करे हुए, 2 साल का समय बीत चुका है पर अभी तक एक इंच सड़क का निर्माण नहीं हुआ है जिस कारण सीमांत क्षेत्रवासी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं | पांडे ने कहा अगर सड़क निर्माण हो जाता, तो तीन गांव की जनता को इसका लाभ मिलता उन्होंने बताया, आज भी क्षेत्र के भोजनी गांव के छात्र-छात्राएं रोज 7 किलोमीटर पैदल चलकर जीआईसी रोसाल पढ़ने आते हैं | गांव में किसी के बीमार होने की स्थिति में ग्रामीण डोली के सहारे मरीज को 7 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक लाते हैं | सड़क न होने का खामियाजा ग्रामीणों को कई रूपों से भुगतना पड़ता है पर विभागीय अधिकारी सर्वे कर सीएम की घोषणा को भूल चुके हैं पांडे ने कहा, कृषि प्रधान क्षेत्र होने के बावजूद कायल आज तक सड़क सुविधा से वंचित है, तथा लाल धान की खेती के लिए प्रसिद्ध कायल गांव में सड़क व अन्य सुविधा न होने के चलते बड़ी संख्या में पलायन हो रहा है |

वही ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को सड़क की घोषणा के लिए धन्यवाद देते हुए संबंधित विभागों को निर्देशित कर जल्द सड़क निर्माण की मांग करी है | मालूम हो एक ही दिन सीएम धामी ने दूरस्थ डनगांव कायल व सुतेरा सील सड़क की घोषणा करी थी पर 2 साल बीत जाने के बाद भी एक भी सड़क में काम शुरू नहीं हो पाया है, जबकि प्रशासन के द्वारा सीएम की घोषणा किए गए कार्यों की समीक्षा करी जाती है, पर संबंधित विभागों पर सीएम की घोषणा का भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है जिसका खामियाजा आज भी क्षेत्र की जनता भुगत रही है | वही ग्रामीणों ने कहा, एक और मुख्यमंत्री चंपावत को आदर्श जिला बनाने के लिए रात दिन एक करे हुए हैं, और वहीं विभागीय अधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री की परिकल्पना को पलीता लगाया जा रहा है | वहीं लोनीवी के एई राजेंद्र गिरी ने बता,य विभाग ने सर्वे व एलाइनमेंट का काम काफी पहले कर दिया था तथा फाइल वन विभाग को भेज दी गई थी, कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के जिले में ही सीएम की घोषणा के बाद ग्रामीणों को सड़क जैसी मूलभूत सुविधा ना मिल पाना काफी गंभीर मामला है |

मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए ग्रामीणों की समस्या का जल्द समाधान करवाना चाहिए, ताकि इन दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन को रोका जा सके व कृषि को बढ़ावा मिल सके वही मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सील गांव के ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य के लिए सरकारी कार्यालय के धक्के खाते हुए नजर आ रहे हैं | मालूम हो बरसों से दोनों गांव के ग्रामीण सरकार से सिर्फ सड़क की मांग कर रहे हैं | जो कि अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, जबकि चंपावत के पूर्व डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने 7 किलोमीटर पैदल चलकर कायल गांव में चौपाल लगाई थी और ग्रामीणों ने उनके सामने भी अपनी प्रमुख समस्या सड़क निर्माण की मांग रखी थी |