इस वर्ष का अंतिम पौराणिक सेल्कु मेला का समापन

इस वर्ष का अंतिम पौराणिक सेल्कु मेला का समापन

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रिपोटर – महावीर सिंह राणा

स्थान -उत्तरकाशी

उत्तरकाशी के सीमांत ब्लॉक भटवाड़ी के गोरशाली में आयोजित पौराणिक सेल्कू मेले में आसपास से आईं देव डोलियों एवं ईष्ट समेश्वर देवता का सेल्कू भव्य तरीके से इस वर्ष का अंतिम मेला मनाया गया
जिसमें देवताओं की डोली का नृत्य होता है और सोमेश्वर देवता पशुवा पर जब अवतरित होता है तो धार दार डांगरिया आषण के ऊपर चल कर लोगों के दुखों का निवारण भी करता है और लोगों का न्योता बोलता है

क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ताकी सुख शांति बनी रहे उसके बाद महिलाएं और पुरुष गोल घेरे में रसो एवं नृत्य का आयोजन करते हैं जिसमें आसपास के गांव से हजारों लोग इकट्ठा होकर इस भव्य मेले का आयोजन करते हैं और बाहर से आए लोगों की मेहमान नवाजी करते हैइस बार मेले के साक्षी रहे गंगोत्री विधानसभा के विधायक सुरेश चौहानगोरशाली में हर वर्ष श्री वासुकी नाग देवता के मन्दिर प्रांगण में अनन्त चतुर्दशी (पूर्णमासी) के दिन आयोजित

इस पौराणिक सेल्कू पर्व पर बुग्याली क्षेत्रों से अपने मवेशियों के साथ घर वापसी कर स्थानीय निवासी देव पुष्प लाकर गांव के आराध्य देवताओं को चढ़ाते है, तत्पश्चात नई फसल की खुशी में समेश्वर देवता के सानिध्य में हर्षोल्लास के साथ रासों नृत्य कर खुशी मनाते है। इस अवसर पर विधायक ने ग्रामीणों के साथ रासो नृत्य कर मेले का आनंद लिया।इस ऐतिहासिक विरासत को संजोये रखने में यहां के ग्रामीणों एवं आठगाईं के देव डोलियां बुग्यालों से लाए

गए पुष्प को अपने आशीर्वाद से परोसते हैं, तथा डांगरिया आषण में भगवान् समेश्वर देवता के पशुवा मौजूद लोगों के दुःख निवारण हेतु न्योता बोलते है, जिससे गांव की ध्याणी एवं क्षेत्र के लोगों को देवता का आशीर्वचन प्राप्त होता है। भटवाड़ी ब्लॉक का यह अंतिम सेल्कू मेला गौशाली गांव में मनाया जाता हैइस अवसर पर विधायक ने सभी ग्रामवासीयों को भव्य पौराणिक परंमपरागत मेले की बधाई एवं शुभकामनाएं दी