श्रावण मास की कांवड़ यात्रा चरम पर: ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से गूंजा रूड़की, सेवा शिविरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

श्रावण मास की कांवड़ यात्रा चरम पर: ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से गूंजा रूड़की, सेवा शिविरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

लोकेशन : रूड़की
रिपोर्टर : प्रिंस शर्मा

श्रावण मास के पवित्र अवसर पर उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर पहुंच चुकी हैहरिद्वार से गंगाजल लेकर लाखों शिवभक्त अपने-अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो चुके हैं। ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से रूड़की की कांवड़ पटरी और हाईवे गूंज उठा है। यात्रा को लेकर शासन-प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने मिलकर सेवा और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्थाएं की हैं।

रूड़की में सामाजिक सेवा संगठनों की पहल

रूड़की स्थित पंचशील काली मंदिर परिसर में सुखानंद सेवा समिति द्वारा 6 दिवसीय कांवड़ सेवा शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर में शिवभक्तों को भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शीतल जल और विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

समाजसेवी मनोज वर्मा ने कहा, “यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमें भोलेनाथ के भक्तों की सेवा का अवसर मिला। हम सभी शिवभक्तों से अपील करते हैं कि वे अनुशासन बनाए रखें, उपद्रव से दूर रहें और प्रशासन का सहयोग करें।”

‘ऑपरेशन कालनेमी’ को मिला समर्थन

मनोज वर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कालनेमी’ की सराहना करते हुए कहा कि, “जो लोग भगवा वस्त्र पहनकर कांवड़ यात्रा की आड़ में हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह अभियान एक साहसिक और जरूरी कदम है।”

शिवभक्तों ने जताया आभार

कांवड़ यात्रियों ने यात्रा मार्ग पर की गई व्यवस्थाओं की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी और प्रशासन को सुरक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया।



कांवड़ यात्रा के इस पावन पर्व में आस्था, सेवा और अनुशासन का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक गरिमा को और मजबूत करता है।