क्वारब सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप, विधायक मनोज तिवारी धरने पर बैठे

क्वारब सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप, विधायक मनोज तिवारी धरने पर बैठे

रिपोर्ट हरीश भण्डारी

अल्मोड़ा

क्वारब क्षेत्र में प्रस्तावित वैकल्पिक सड़क निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि ₹1023 लाख की लागत वाली 1.7 किलोमीटर लंबी सड़क का ठेका बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के सीधे एक ठेकेदार को सौंप दिया गया, जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है।

विधायक तिवारी ने प्रांतीय खंड लोनिवि कार्यालय परिसर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर लोक निर्माण विभाग (PWD) के खिलाफ नारेबाजी की और इस मसले को लेकर विधानसभा से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ने की बात कही।

विधायक मनोज तिवारी ने कहा:

“यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार है। अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना टेंडर प्रक्रिया ठेका दे दिया। यह मामला विधानसभा में जोर-शोर से उठाया जाएगा और जरूरत पड़ी तो न्यायालय की भी शरण लेंगे।”


ठेकेदार संघ का भी फूटा गुस्सा
अल्मोड़ा ठेकेदार संघ के जिलाध्यक्ष प्रयाग बिष्ट ने भी इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विभाग ने जल्द इस अनियमित कार्य को निरस्त कर दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं की, तो वे आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।

प्रयाग बिष्ट का कहना है:

“हम वर्षों से नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। अगर इस तरह से चहेतों को बिना नियम के ठेका मिलेगा, तो यह अन्याय है।”


विपक्ष का बढ़ता दबाव
इस पूरे प्रकरण से राज्य सरकार की ‘पारदर्शी कार्यप्रणाली’ और ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को सरकारी भ्रष्टाचार का ज्वलंत उदाहरण बताया है और राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।


स्थिति पर नजर
फिलहाल विभाग की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन बढ़ते विरोध और मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद संभावना जताई जा रही है कि शासन स्तर पर इसकी जांच या समीक्षा के आदेश जल्द जारी हो सकते हैं।