
स्थान : अल्मोड़ा

आगामी अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर सोमवार को विकास भवन सभागार में “सहकारिता से महिला सशक्तिकरण” विषय पर एक भव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन अल्मोड़ा सहकारी बैंक और सहकारिता विभाग, अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सहकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों और महिलाओं को सम्मानित किया गया। साथ ही, महिलाओं को रोजगार प्रेरक कार्यों हेतु ब्याज रहित (0%) ऋण के रूप में ₹65 लाख की धनराशि के चेक वितरित किए गए।

महिला सशक्तिकरण है विकास की कुंजी: डॉ. धन सिंह रावत
गोष्ठी को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना किसी भी राष्ट्र के समग्र विकास की कल्पना अधूरी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम की चर्चा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार ने वर्ष 2025 तक राज्य में दो लाख लखपति दीदी तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में 40 रोजगारपरक कार्यों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित किया जाएगा।


उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को 30% आरक्षण, ब्याज मुक्त ऋण और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। अब महिलाएं केवल घर की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि परिवार की मुखिया और आर्थिक नेतृत्वकर्ता की भूमिका भी निभा रही हैं।

गोष्ठी में महिलाओं ने साझा किए अनुभव
कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहीं महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे सहकारिता मॉडल ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। उन्होंने बताया कि अब वे न सिर्फ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।

उपस्थित रहे कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी
इस अवसर पर विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, भाजपा जिलाध्यक्ष महेश नयाल, उप निबंधक कुमाऊं मंडल प्रभारी हरीश खंडूरी, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ललित लटवाल सहित सहकारिता विभाग व अल्मोड़ा सहकारी बैंक के अधिकारी, मातृशक्ति और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह गोष्ठी न केवल महिलाओं को प्रोत्साहित करने का मंच बनी, बल्कि सहकारिता के ज़रिए सशक्त समाज निर्माण की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम भी साबित हुई।


