खानपुर में गरमाई सियासत: पूर्व विधायक प्रणव सिंह और मौजूदा विधायक उमेश कुमार के बीच विवाद फिर सतह पर, भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूंका पुतला

खानपुर में गरमाई सियासत: पूर्व विधायक प्रणव सिंह और मौजूदा विधायक उमेश कुमार के बीच विवाद फिर सतह पर, भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूंका पुतला

स्थान – रूड़की
रिपोर्ट – प्रिंस शर्मा

उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर खानपुर क्षेत्र सुर्खियों में है। पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और मौजूदा निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच चला आ रहा विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। दो दिन पूर्व लंढौरा क्षेत्र में दोनों नेताओं के बीच टकराव के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा, और अब इसके विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए उमेश कुमार का पुतला फूंका।

शनिवार को लंढौरा मंडी क्षेत्र में भाजपा लंढौरा मंडल अध्यक्ष अशोक पांडे के नेतृत्व में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने विधायक उमेश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।

पूर्व विधायक पर हमला, भाजपा में रोष

भाजपा लंढौरा मंडल अध्यक्ष अशोक पांडे ने विधायक उमेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पूर्व विधायक प्रणव सिंह पर हमला करवाया है, जो एक जनप्रतिनिधि के आचरण के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उमेश कुमार जनहित की अनदेखी कर रहे हैं और असामाजिक तत्वों के साथ घूम रहे हैं, जो क्षेत्र में भय और असंतोष का माहौल पैदा कर रहा है।

“वादाखिलाफी और मनमानी बर्दाश्त नहीं” — महिला मोर्चा अध्यक्ष

भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष किरण सिंह ने भी विधायक पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनता के साथ किए गए वादे पूरे नहीं हुए हैं, और विधायक का व्यवहार पूरी तरह अलोकतांत्रिक और निंदनीय है। उन्होंने सवाल किया कि जब देश संवेदनशील परिस्थितियों से गुजर रहा है, ऐसे में इस तरह की घटनाएं समाज में किस तरह का संदेश देंगी?

पुलिस जांच जारी, सियासी गर्मी बढ़ी

लंढौरा पुलिस द्वारा दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है। वहीं, इस विवाद ने इलाके की राजनीति में हलचल मचा दी है। स्थानीय जनता में भी घटनाक्रम को लेकर काफी चर्चा है।

भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग है कि विधायक उमेश कुमार को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। वहीं उमेश कुमार की ओर से इस पूरे मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है, अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है और विवाद का अगला मोड़ क्या होता है।