
लोहाघाट (चंपावत)
जनकांडे गांव के 27 वर्षीय युवक सचिन मेहरा की मौत के दो महीने बाद भी पुलिस उसकी मृत्यु का खुलासा नहीं कर पाई है, जिससे परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। परिजनों ने मामले में हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस पर लापरवाही और रिपोर्ट दर्ज न करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।


घटना 27 मार्च की है, जब सचिन मेहरा अपने चचेरे भाई रविंद्र मेहरा के साथ सुबह 10 बजे बाइक से खेतीखान की ओर निकले थे, लेकिन शाम तक वह घर नहीं लौटे। वहीं रविंद्र रात को घर वापस आ गया। परिजनों ने सचिन की तलाश की और उसकी गुमशुदगी पाटी थाने में दर्ज कराई।

तीन दिन बाद, 29 मार्च की सुबह, ग्रामीणों को पोखरी (धूनाघाट) के पास सड़क से नीचे खाई में सचिन का शव मिला। शव लोहाघाट थाना क्षेत्र में होने के कारण पोस्टमार्टम और अन्य कार्रवाई लोहाघाट पुलिस द्वारा की गई।
सचिन के पिता प्रेम सिंह मेहरा ने मीडिया को बताया कि उन्हें पूरी तरह यकीन है कि उनके बेटे की हत्या की गई है और उन्होंने इस हत्या के लिए रविंद्र मेहरा पर शक जताया है। उन्होंने कहा कि रविंद्र ने घटना की रात कुछ नहीं बताया और बार-बार पूछने पर गुमराह करता रहा।

प्रेम सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पाटी और लोहाघाट पुलिस में से कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा, उन्हें थानों के चक्कर कटवाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अब वे इस मामले को सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराएंगे और मुख्यमंत्री, डीएम चंपावत और एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे एसपी कार्यालय के बाहर धरना देंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।

वहीं, ग्रामीणों में भी पुलिस की कार्यशैली को लेकर नाराजगी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार दो महीने बीत जाने के बाद भी मौत की असली वजह क्यों नहीं पता चल सकी।
मित्र पुलिस मामले में जांच जारी होने की बात कर रही है, लेकिन परिजन और ग्रामीण इसे गंभीर लापरवाही मान रहे हैं।

