
स्थान -भीमताल

सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं आज स्वरोजगार के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं। इसका जीवंत उदाहरण बने हैं भीमताल निवासी राकेश बिष्ट, जिन्होंने एक शिक्षक से सफल फूल उत्पादक उद्यमी बनने का सफर तय किया है।

पूर्व में एक निजी स्कूल में शिक्षक रहे राकेश बिष्ट ने शिक्षा के क्षेत्र से हटकर कुछ नया करने की ठानी। एमएससी (आईटी) करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हुए उन्होंने महसूस किया कि उनका मन इसमें नहीं लग रहा। ऐसे में उन्होंने फूलों की खेती करने का निर्णय लिया।

राकेश ने उद्यान विभाग से संपर्क किया और सरकारी योजनाओं की जानकारी लेकर बांस के पालीहाउस में फूलों की खेती शुरू की। शुरूआत में उन्होंने सीजनल और सैकुलेंट फूलों की वैरायटी लगाई, जिसे दिल्ली और बरेली की मंडियों में बेचना शुरू किया। छोटे स्तर पर मिले मुनाफे ने उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया।

आज राकेश के पास 100 से अधिक किस्मों के फूल हैं, जिनमें सल्विया, पिटोनिया जैसी लोकप्रिय प्रजातियां शामिल हैं। वह खुद ही नहीं बल्कि स्थानीय फूल उत्पादकों से भी फूल खरीदकर उन्हें बाजार उपलब्ध करा रहे हैं।

राकेश की नर्सरी में 20 से अधिक युवा कार्यरत हैं, जिनके रहने और खाने की व्यवस्था भी उनके द्वारा की गई है। उनका मानना है कि अगर मेहनत, लगन और धैर्य हो, तो स्वरोजगार के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।राकेश बिष्ट का यह सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कैसे आम जन को आत्मनिर्भर बना सकता है।
