
रिपोर्टर – रिहान ख़ान
दुकानदारों ने बंद रखीं दुकानें, शहीदों को श्रद्धांजलि, आतंकवाद के खिलाफ दिखी एकजुटता
हल्द्वानी। जम्मू-कश्मीर में हुए कायराना आतंकी हमले की गूंज उत्तराखंड की तराई तक सुनाई दी। हल्द्वानी शहर में मंगलवार को बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। आम जनमानस से लेकर व्यापारी वर्ग तक, हर किसी के चेहरे पर दुख और आक्रोश साफ नजर आया। नागरिकों ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

शहर के स्थानीय व्यापारियों ने कुछ समय के लिए अपनी दुकानें बंद रखीं, और हमले में शहीद हुए जवानों को मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। नागरिकों ने कहा कि इस तरह के हमले हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता को डिगा नहीं सकते, बल्कि इससे हमारी हिम्मत और संकल्प और मजबूत होता है।
जनता में गहरा आक्रोश
शहर के कोने-कोने से आवाज़ें उठ रही हैं कि अब आतंकवाद के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए। नागरिकों का कहना है कि यह हमला न केवल सैनिकों पर, बल्कि पूरे देश के सम्मान पर हमला है और इसका जवाब हर हाल में मिलना चाहिए।
“शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा”

इस दौरान शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गईं और यह संकल्प दोहराया गया कि देश के लिए जान देने वाले जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। हल्द्वानी की जनता ने यह भी स्पष्ट किया कि देशवासी आतंक के खिलाफ एकजुट हैं और ऐसे कायरतापूर्ण हमलों से देश झुकेगा नहीं।
शहर में रही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

घटना के मद्देनजर हल्द्वानी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट मोड में नजर आया। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
हल्द्वानी के इस भावनात्मक और सशक्त जवाब ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देश के किसी भी कोने में हमला हो, पूरा भारत एक स्वर में जवाब देने को तैयार है।


