
रिपोर्टर नाम-: आसिफ इक़बाल
लोकेशन-: रामनगर
उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक (हेड ऑफ फॉरेस्ट) धनंजय मोहन अपने कुमाऊं दौरे के तहत रामनगर पहुंचे। यहां उन्होंने कॉर्बेट लैंडस्केप का निरीक्षण करते हुए इसे भारत के सबसे सुंदर और जैव विविधता से समृद्ध जंगलों में से एक बताया।


धनंजय मोहन ने कहा कि उत्तराखंड की जैव विविधता न केवल देश में, बल्कि विश्व स्तर पर पहचान रखती है, और इसकी संरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने इस दौरान राज्य में वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए वन विभाग की तैयारियों की भी जानकारी दी।

वनाग्नि नियंत्रण के लिए तकनीक का सहारा
प्रमुख वन संरक्षक ने बताया कि इस बार जंगलों में आग पर नियंत्रण के लिए कई नवाचार किए गए हैं। उन्होंने कहा:
“हमने एक नई मोबाइल ऐप लॉन्च की है, जिसके जरिए वनाग्नि की घटनाओं की जानकारी तुरंत अधिकारियों और वनकर्मियों तक पहुंचेगी, जिससे त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।“
इसके अलावा, राज्य स्तर पर इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर्स की स्थापना की गई है, जो पूरे प्रदेश में होने वाली वनाग्नि की घटनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

स्थानीय समुदायों की भी भागीदारी
धनंजय मोहन ने बताया कि इस बार वन विभाग ने स्थानीय समुदायों और आम नागरिकों को भी अभियान से जोड़ा है, जिससे जंगलों में आग लगने की संभावना को पहले ही रोका जा सके, और यदि आग लगे तो सूचना त्वरित रूप से मिले।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जंगल केवल हरियाली का प्रतीक नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक धरोहर के संवाहक हैं। इन्हें संरक्षित रखने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।

