
स्थान -खटीमा उधम सिंह नगर
रिपोर्ट -अशोक सरकार
विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल खटीमा इकाई ने पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी खटीमा के माध्यम से भेजा। प्रदेश सह मंत्री रणदीप पोखरिया के नेतृत्व में विहिप कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति शासन लागू करने और NIA जांच की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।


ज्ञापन में कहा गया है कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से शुरू हुई भीषण हिंसा अब पूरे राज्य में फैल रही है। विश्व हिंदू परिषद का आरोप है कि यह प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं, बल्कि हिंदू समाज पर योजनाबद्ध आक्रमण था, जिसकी संविधान प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं थी।

“हिंदुओं को बनाया गया निशाना” – विहिप
विहिप ने ज्ञापन में दावा किया कि 11 अप्रैल 2025 को मुस्लिम समुदाय की उन्मादी भीड़ ने हिंदू समाज के 200 से अधिक घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को आग के हवाले किया, सैकड़ों लोगों को घायल किया गया और तीन हिंदू नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई। इसके अतिरिक्त महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और 500 से अधिक परिवारों के पलायन की भी बात कही गई।


शासकीय तंत्र पर निष्क्रियता का आरोप
विहिप ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने न केवल निष्क्रिय रहा, बल्कि कई स्थानों पर सहायक या प्रेरक की भूमिका में भी दिखाई दिया।” संगठन का कहना है कि यदि समय रहते केंद्र सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है और यह हिंसा देश के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है।

राष्ट्रपति शासन व NIA जांच की मांग
ज्ञापन में राष्ट्रपति महोदय से मांग की गई है कि—
- पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन अविलंब लागू किया जाए।
- हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
- दोषियों को कठोरतम दंड दिया जाए।
- हिंदू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
रणदीप पोखरिया ने कहा, “यह कोई साधारण प्रदर्शन नहीं था, यह हिंदू समाज को भयभीत करने का सुनियोजित प्रयास है। हमें न्याय चाहिए और दोषियों को कठोर दंड मिलना चाहिए।”

