जमीन पर नहीं बैठेगा सरकारी स्कूल का कोई भी बच्चा, DM सविन का ड्रीम प्रोजेक्ट “उत्कर्ष” शुरू

जमीन पर नहीं बैठेगा सरकारी स्कूल का कोई भी बच्चा, DM सविन का ड्रीम प्रोजेक्ट “उत्कर्ष” शुरू

देहरादून: 

डीएम सविन बंसल ड्रीम प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत देहरादून के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में कार्य प्रारंभ हो चुका है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने के लिए डीएम सविन बंसल के प्रयास अब वास्तविकता में बदलने लगे हैं। इस प्रोजेक्ट में ओएनजीसी और हुडको भी अपना सहयोग दे रहे हैं। देहरादून के दुर्गम क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में फरवरी माह तक फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा। जल्द ही स्कूलों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम ऑनलाइन पढ़ाई हो सकेगी हुडको पर 3.5 करोड़ का प्रोजेक्ट अंतिम चरण पर है। जिलाधिकारी सविन बंसल के इस ड्रीम प्राजेक्ट में हुडको और ओएनजीसी भी सहयोग प्रदान कर रहे हैं। हुडको द्वारा स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था के लिए आधुनिक एलईडी उपकरणों की स्थापना के लिए 2.5 करोड़ रुपये के कार्य में संलग्न है, और ओएनजीसी की ओर से 1.5 करोड़ रुपये के फर्नीचर और उपकरणों के लिए सहायता प्रदान की जा रही रही है।

एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई

डीएम की योजना बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ आधुनिकता और प्रतिस्पर्धा से जोड़ने की है, जिसके लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं। उत्कर्ष प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही स्कूलों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने प्रत्येक विद्यालय में समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, शब्दकोश और महापुरुषों की जीवनी को अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि छात्र व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ महापुरुषों के जीवन से भी अवगत हो सकें।

विद्यालयों की आवश्यक सुविधाएं

डीएम बंसल ने स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं जैसे वाइट बोर्ड, प्रत्येक कक्षा में दो एलईडी लाइट, फर्नीचर, और आउटडोर खेलों की उचित व्यवस्था के लिए कार्य प्रारंभ किया है। इसके लिए 1 करोड़ रुपये की राशि मुख्य शिक्षा अधिकारी के पास रखी गई है। इस योजना के अंतर्गत संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों ने भी आवश्यकतानुसार धनराशि का आवंटन किया है। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी और संबंधित खंड एवं उप शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं जैसे कि बिजली, पानी, पेयजल, और शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ पानी की टंकियों की मरम्मत, सफाई और सुरक्षा के लिए उपाय करने के निर्देश दिए हैं।