नगरपालिका उत्तरकाशी का विकास नगरपालिका के अस्तित्व से अबतक नहीं बन पाया है महिलाओं के लिए नहीं है एक भी शुलभ शोचालय जनपद मुख्यालय पहुचने वाली महिलाओं को होती है भारी परेशानी लेनी पड़ रही है रिस्तेदारो की शरण

नगरपालिका उत्तरकाशी का विकास नगरपालिका के अस्तित्व से अबतक नहीं बन पाया है महिलाओं के लिए नहीं है एक भी शुलभ शोचालय जनपद मुख्यालय पहुचने वाली महिलाओं को होती है भारी परेशानी लेनी पड़ रही है रिस्तेदारो की शरण

रिपोर्ट -दीपक नौटियाल

जनपद उत्तरकाशी मुख्यालय जहां नगरपालिका सन 1965 में अस्तित्व में आई थी तब से आज तक भाजपा कांग्रेस ओर निर्दलीय प्रत्याशी यहां के अध्यक्ष रह चुके हैं हर कोई अपने द्वारा किए गये विकास की बात करता है पर विकास क्या हुआ जरा देखिए
उत्तराखंड शहरी विकास विभाग द्वारा नगरपालिका को हर साल चारधाम यात्रा एवं स्थानीय निवासी की सुविधाओं के नाम करोड़ों रुपए देता है वह खर्च भी हो जाता है पर शोचनीय विषय है कि आज तक इस नगर पालिका द्वारा केवल महिलाओं की सुविधाओं के नाम पर दो शोचालयो का निर्माण करवाया पर उन में न जाने क्या

ऐसा खजाना छुपा हुआ है जो वहां ताला लटका पड़ा है ओर इसकी आड़ में प्राईवेट संस्था श़ोचालय शुल्क के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए कमा रही है जनपद उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में दूरस्थ क्षेत्रों से हजारों की संख्या में महिलाएं सरकारी कार्यालयों में आती है पर नगरपालिका का शोचालय न होने के कारण भारी परेशानी से गुजरना पड़ता महिलाओं का कहना है कि इसके लिए उन्हें रिस्तेदारो की शरण लेनी पड़ती है

वहीं चारधाम यात्रा काल में तो भगवान ही मालिक है
सवाल यह उठता है कि विकास के नाम पर बड़े बड़े दावे करने वाले दल भी इस पर मोन साधे हुए हैं आखिर क्यों आजतक इतनी बड़ी समस्या से ये नेता ओर अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं


नगरपालिका ईओ का कहना है कि इस पर कार्रवाई चल रही है पर 1965 से आजतक आखिर क्यों नगरपालिका खामोश रही थी वहीं नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष सुधा गुप्ता का कहना है कि अगर उन्हें दुबारा मोका मिला तो वह जरूर महिलाओं के लिए अलग से शोचालय का निर्माण करायेगी