आस्ट्रेलिया में रहकर भी ‘भाई जी’ ने समझी हल्द्वानी की पीढ़ा, पत्रकारों के दर्द पर लगाया मरहम

आस्ट्रेलिया में रहकर भी ‘भाई जी’ ने समझी हल्द्वानी की पीढ़ा, पत्रकारों के दर्द पर लगाया मरहम

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रिपोट -ब्यूरो रिपोट

स्थान – हल्द्वानी

हल्द्वानी की शांत वादियों में बीती आठ फरवरी को जहर घोलने वालों की करतूत से अभी भी शहरवासी सहमे हुए हैं। कानून और न्याय व्यवस्था को रौंदते हुए बनभूलपुरा के उपद्रवियों ने न पुलिसकर्मियों को छोड़ा और न हीं कलम के सिपाही पत्रकारों को। बस धार्मिक नारे और गालियों की बौछार करते हुए

किसी ने पत्थर बरसाए तो किसी ने पेट्रोल बम। आठ फरवरी की शाम को अपनी काली करतूत से हल्द्वानी की हवा को जहरीला बनाने वालों के खिलाफ पुलिस का एक्शन जारी है लेकिन इस घिनौनी वारदात में जख्मी पत्रकार अब भी दर्द में हैं। कुछ पत्रकार अस्पताल के बेड में लेटे हैं तो कुछ पत्रकार अपने शरीर में पत्थरों से मिली गुम चोट के साथ ही फील्ड में खबरों की खातिर दौड़भाग में लगे हैं।

वहीं अधिकतर पत्रकार ऐसे हैं जो आगजनी में जलकर खाक हुए अपने वाहनों के कारण मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों की इस दुख की घड़ी में कुमाऊं की प्रतिष्ठित धार्मिक संस्था हरि शरणम जन के प्रमुख स्वामी रामगोविंद दास ‘भाईजी’ आगे आए हैं।एक महीने की धर्म प्रचार यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया गए

भाईजी ने सन्देश जारी कर सूचना दी कि उनके द्वारा प्रत्येक प्रभावित पत्रकार को 51 हजार रूपये की राशि दी जाएगी। भाई जी ने इस दुःसाहस भरे प्रकरण पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि इस वारदात से हल्द्वानी की छवि को नुकसान हुआ है एवं पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमले पर वह हैरान हैं। उन्होंने मामले में दोषियों के विरुद्ध शासन को भी सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। स्वामी रामगोविन्द दास ने प्रशासन को भी आवश्यकता पड़ने पर सहयोग देने की बात की है।

पत्रकारों के हित के लिए आगे आए भाई जी की इस पहल की हर तरफ तारीफ भी हो रही है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि बीते छह दिनों में विधायक, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री तक जख्मी पत्रकारों से मिल चुके हैंलेकिन सिवाय कोरे आश्वासनों की घुट्टी के कुछ भी नहीं मिल सका। ऐसे में हरि शरणम जन के प्रमुख स्वामी रामगोविंद दास ‘भाईजी’की यह पहल स्वागतयोग्य है।