चमोली:  जिले की मशहूर सेब फल पट्टी के नाम से जानें जानी वाले जोशीमठ छेत्र के प्रगतिशील सेब काश्तकारों और जागरूक कृषकों के लिए अच्छी खबर

चमोली: जिले की मशहूर सेब फल पट्टी के नाम से जानें जानी वाले जोशीमठ छेत्र के प्रगतिशील सेब काश्तकारों और जागरूक कृषकों के लिए अच्छी खबर

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रिपोट -संजय कुंवर

स्थान -जोशीमठ

चमोली जिले की मशहूर सेब फल पट्टी के नाम से जानें जानी वाले जोशीमठ छेत्र के प्रगतिशील सेब काश्तकारों और जागरूक कृषकों के लिए अच्छी खबर है,आखिरकार सेब फल पट्टी जोशीमठ सहित धौली गंगा अलकनंदा घाटी के सैकड़ों सेब बागवानों का रवी की फसल के तहत किया गया इस वर्ष का फसल बीमा क्लेम करीब 5.3 गुना आ गया है, जो पीएम फसल बीमा योजना के तहत सभी सेब काश्तकारों के बैंक एकाउंट में पहुंच गया है,केंद्र सरकार की ये किसान हितार्थ चलाई गईं योजना पिछले एक दशक से पूरे उत्तराखंड राज्य के साथ साथ जोशीमठ छेत्र की सीमांत फल पट्टी सुनील, परसारी, मनोटी, औली, सलूड,डुंगरा,मोल्टा, कल्प घाटी, सन वैली, सहित मेरग, बड़ागांव, ढाक, तपोवन, तुगासी, रिंगी, शुभाई, रेणी,लाता, सुराईथोटा तोलमा, झेलम, मलारी नीति घाटी के उन्नत शील किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रही है,

वहीं किसानो के लिए दुसरी खुश खबरी ये हैकि अगले वर्ष के लिए भी प्रदेश में पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना-रबी को आगामी तीन वर्षो के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। यह जानकारी देते हुए मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया के फसलों को मौसमी कारणों होने वाले नुकसान को कम करने के लिए किसान हित में फसल बीमा योजना संचालित है। कृषक को बीमा प्रीमियम पर फसलों के अनुरूप केंद्र व राज्य की ओर से निर्धारित सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

फसल बीमा योजना में मौसमी कारणों से सेब, आडू, माल्टा, संतरा, मौसमी, आम, लीची, मटर जैसी फसलों को नुकसान होने पर नियमानुसार क्षतिपूर्ति की जाती है। फसल बीमा संचालन के लिए विभाग की ओर से एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी को अधिकृत किया गया है।उन्होंने जनपद के सभी कृषकों को अपनी फसलों का बीमा कराके फसल बीमा योजना का लाभ उठाने की अपील की है। वहीं फसल बीमा का क्लेम मिलने के बाद सीमांत का काश्तकार केंद्र सरकार की इस संजीवनी योजना को लेकर काफी खुश नजर आ रहा है,

और अब इस सीजन के पीएम फसल बीमा योजना से अपने रबी की फसलों और बागानों को बीमा कवर करने के लिए दस्तावेजों को एकत्र कर फिर से तैयारी में जुट गया है, साथ ही अपने बागानों को एक बार फ़िर जोश खरोश के साथ कटाई छंटाई और पेस्टिंग,थांवला निर्माण, जैविक खाद आदि डालने में भी जुट गया है ताकि अगले सीजन में बढ़िया पैदावार हो सके,