हरिद्वार नगर निगम अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप

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रिपोटर-मनोज कश्यप

स्थान-हरिद्वार

धर्मनगरी हरिद्वार में बीमारियों का प्रकोप छाया हुआ है। आलम यह है कि हर घर में कोई न कोई बुखार की चपेट में है। शहर के मरीज तो निजी अस्पतालों में उपचार करा लेते हैं, लेकिन ग्रामीण तो सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर रहते हैं। बीमारी फैलने पर ही विभाग की नींद खुलती है।

नगर निगम और नगर निकायों द्वारा दवा का छिड़काव और फॉगिंग करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक गांवों ओर कुछ शहरी क्षेत्रों में भी दवा का छिड़काव नहीं किया गया है। इसके चलते लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए गांव में कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। हरिद्वार नगर निगम अधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि हरिद्वार में अधिकतर क्षेत्रों को चिन्हित कर दवा का छिड़काव किया जा रहा है

उन्होंने कहा कि दवा छिड़काव के लिए शहर में 6 बड़े टैंकर , 4 बड़ी फोकिंग मशीन सहित 20 छोटी मशीनें काम कर रही है लेकिन हमारी टीम ने ऐसी स्थान को चिन्हित किया है जहां से डेंगू मलेरिया के अधिक मामले निकाल कर सामने आए हैं वहां रोजाना छिड़काव किया जा रहा है और जहां डेंगू के मामले कम है वह रूटिंग वाइज छिड़काव किया जाता है। नगर निगम हरिद्वार की इंद्रा बस्ती कॉलोनी निवासीयो का कहना है कि बरसात के मौसम में जगह-जगह पानी भरा हुआ है, जिसकी निकासी की कोई व्यवस्था नगर निगम हरिद्वार द्वारा नहीं की जा रही है। जिससे कॉलोनी में मच्छरों व गंदगी की भरमार है। जल जनित बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।