लोहाघाट में गुलदार का आतंक बढ़ा – बच्चों की जान पर बन आया खतरा

लोहाघाट में गुलदार का आतंक बढ़ा – बच्चों की जान पर बन आया खतरा

स्थान : चंपावत
ब्यूरो रिपोर्ट

चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सबसे ज्यादा खतरा उन छात्र-छात्राओं को हो रहा है, जो रोज पैदल कई किलोमीटर चलकर स्कूल पहुंचते हैं। गुरुवार सुबह डैसली गांव से राजकीय इंटर कॉलेज जानकीधार जा रहे बच्चों को भूतखाल के पास सड़क किनारे एक भारी-भरकम गुलदार दिखाई दिया। गुलदार देखते ही सभी बच्चे दहशत में चीखते हुए वापस गांव की ओर भागे।

पूर्व प्रधान सोनू बिष्ट ने बताया कि उनके गांव के करीब 20 बच्चे रोजाना 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते हैं, लेकिन अब गुलदार की बढ़ती गतिविधियों से उनकी जान को गंभीर खतरा हो गया है। उन्होंने कहा कि देवीधार, तोलान और आसपास के इलाकों में गुलदार बार-बार दिख रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी भय का माहौल है। कई महिलाओं ने तो जंगल में जाना तक छोड़ दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी वन विभाग से गांव में पिंजरा लगाने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों और पूर्व प्रधान ने चेतावनी दी है कि जब तक बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, वे उन्हें स्कूल नहीं भेजेंगे।

मामले को लेकर पूर्व प्रधान सोनू बिष्ट ने लोहाघाट रेंजर को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र में पिंजरा लगाने और नियमित गश्त बढ़ाने की मांग की है। इस पर लोहाघाट रेंजर एन.डी. पांडे ने कहा कि वन विभाग की टीम क्षेत्र में लगातार गश्त कर रही है और पिंजरा लगाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा।

उधर, गुरुवार सुबह लोहाघाट-नासखोला सड़क पर दो शावकों के साथ एक मादा गुलदार द्वारा दूध वाहन पर हमला करने की घटना ने खतरे को और गंभीर बना दिया है। गंगनौला निवासी महेश राम अपनी कार (UK 04 TA 0012) से दूध लेकर लोहाघाट जा रहे थे कि चुयराली तोक के पास मादा गुलदार ने उनके वाहन पर झपटा मारा। किसी तरह वाहन भगाकर उन्होंने जान बचाई, लेकिन गुलदार काफी दूर तक वाहन का पीछा करता रहा। घटना से ग्रामीणों में भारी दहशत है।

क्षेत्र में बढ़ते खतरे को देखते हुए बाराकोट ब्लॉक के आठ आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। बता दें, 9 दिसंबर को धरंगड़ा में गुलदार ने एक व्यक्ति की जान ले ली थी। पिछले एक महीने में लोहाघाट क्षेत्र में गुलदार दो लोगों की जान ले चुका है।

फिलहाल पूरे डैसली, गंगनौला और आसपास के क्षेत्रों में गुलदार का आतंक फैल गया है और ग्रामीण वन विभाग से तत्काल प्रभावी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।