
स्थान : चंपावत
ब्यूरो रिपोर्ट

जिले के बाराकोट ब्लॉक के धरगड़ा गांव में मंगलवार 9 नवंबर की सुबह करीब 5:00 बजे घर से मात्र 30 मीटर की दूरी पर शौच करने गए ग्रामीण देव सिंह अधिकारी को आदमखोर गुलदार ने अपना निवाला बना लिया। इस घटना की खबर जिले और प्रदेश में तेजी से फैल गई और स्थानीय लोगों में गहरी चिंता और भय का माहौल बन गया।


घटना की जानकारी मिलते ही डीएम चंपावत मनीष कुमार, डीएफओ चंपावत और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर पिंजड़े लगाकर गुलदार को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए। वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गुलदार को नरभक्षी घोषित कर गोली मारने की मांग भी की।

पिंजड़े में घुसा गुलदार, लेकिन बाहर निकल गया
वन विभाग ने तीन पिंजड़े लगाकर आदमखोर गुलदार को पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन दुर्भाग्यवश, पिंजड़े का दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं हो पाया। रात भर क्षेत्र में वनकर्मी गस्त करते रहे। जब आज सुबह ग्रामीण पिंजड़े के पास पहुंचे, तो देखा कि दरवाजा आधा खुला था और अंदर रखे गए शिकार को गुलदार चट कर गायब कर चुका था।

स्थानीय लोगों ने वन विभाग की तैयारियों पर नाराजगी जताई और कहा कि अगर पिंजड़ा सही तरीके से बंद होता, तो आदमखोर गुलदार से क्षेत्रवासियों को मुक्ति मिल जाती।

वन विभाग की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
काली कुमाऊँ रेंजर राजेश जोशी ने कहा कि वन विभाग के सभी प्रयास आदमखोर गुलदार को पकड़ने पर केंद्रित हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में रात भर गस्त जारी रही और तीन पिंजड़े लगाए गए थे। रेंजर जोशी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि गुलदार पिंजड़े में घुसने के बावजूद दरवाजा बंद नहीं हो सका।


उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की और कहा कि आदमखोर गुलदार के पकड़ में आने तक क्षेत्रवासियों को सावधानी बरतनी होगी। वहीं, जनता और स्थानीय प्रतिनिधि शासन से जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ने या नरभक्षी घोषित कर गोली मारने की मांग कर रहे हैं।

क्षेत्र में दहशत का माहौल
गुलदार के आजाद घूमने के कारण धरगड़ा और आसपास के गांवों में डर और दहशत का माहौल बना हुआ है। प्रशासन और वन विभाग हरसंभव प्रयास कर रहे हैं ताकि किसी और घटना से बचा जा सके और क्षेत्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

