
रिपोर्टर : पंकज सक्सेना
स्थान : हल्द्वानी

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर आज बड़ा फैसला आने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले पूरे मामले को लेकर स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच कई सवाल खड़े हो रहे हैं।


स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इस क्षेत्र में पिछले 60–70 साल से रह रहे हैं, लेकिन इतने वर्षों तक रेलवे ने अतिक्रमण का मुद्दा क्यों नहीं उठाया। लोगों के अनुसार, वर्ष 2005 में रेलवे द्वारा सीमांकन किया गया था, जिसमें कहा गया था कि निर्धारित सीमा के बाहर रेलवे आगे नहीं बढ़ेगी।


लोगों का आरोप है कि अब रेलवे अचानक 80 बीघा, 80 एकड़, 70 एकड़ और 29 एकड़ जमीन पर दावा कर रही है। इससे पूरे क्षेत्र में डर और असमंजस का माहौल है।


स्थानीय निवासियों का सवाल है कि यदि यह जमीन रेलवे की थी, तो पिछले कई दशकों में यहां प्राथमिक विद्यालय, इंटर कॉलेज, मंदिर, मस्जिद, बिजली-पानी की सुविधा और सरकारी योजनाएं क्यों दी गईं? लोगों ने कहा कि जब पूरा क्षेत्र सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होता रहा, तो उसे अब “अतिक्रमण” क्यों बताया जा रहा है?


प्रशासन अलर्ट मोड पर
संभावित फैसले को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

- पूरे क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
- संवेदनशील स्थानों पर पैनी निगरानी रखी जा रही है।
- प्रशासन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वोपरि होगा, और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

उप जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह और भ्रामक जानकारी पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि निर्णय आने के बाद दोनों पक्षों को फैसले को स्वीकार करना होगा।

अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि आने वाले समय में बनभूलपुरा में क्या परिस्थिति बनती है।

