
लोकेशन :- लालकुआँ
रिपोर्टर :- मुन्ना अंसारी
तंजीमें रज़ा कमेटी के तत्वावधान में लालकुआँ में शहीदे आज़म कांफ्रेंस का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत कर शहीदे कर्बला हज़रत इमाम हसन और हुसैन की कुर्बानी को याद किया। इस मौके पर माहौल पूरी तरह रूहानी और अकीदत से सराबोर नजर आया।


मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद मुफ्ती इमरान हाशमी ने कर्बला की घटना पर रोशनी डालते हुए कहा कि ईमाम हुसैन ने जुल्म के आगे कभी सिर नहीं झुकाया और हक, इंसाफ तथा इस्लाम की हिफाजत के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कि कर्बला सिर्फ एक इतिहास नहीं, बल्कि सब्र, बहादुरी, इंसानियत और अमन का पैगाम है, जिसे आज की दुनिया में समझने और अपनाने की ज़रूरत है।



कांफ्रेंस में पहुंचे प्रसिद्ध शायर राशिद रज़ा मरकज़ी ने अपनी दिलकश आवाज में नाते पाक पेश कर समां बांध दिया। उनके कलाम ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया और माहौल को रूहानियत से भर दिया।

इस अवसर पर दूर-दराज़ से आए उलेमाओं और समुदाय के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया और देश में अमन, चैन व भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इंसानियत और एकता ही इस्लाम की असली तालीम है और सभी को मिलजुलकर रहना चाहिए।


