लक्सर में गंगा और सोलानी नदी उफान पर, हजारों बीघा कृषि भूमि जलमग्न

लक्सर में गंगा और सोलानी नदी उफान पर, हजारों बीघा कृषि भूमि जलमग्न

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पिछले तीन दिनों से उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब लक्सर क्षेत्र में भी गहराने लगा है। गंगा नदी और सोलानी नदी में अचानक आए उफान के कारण हजारों बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में गंगा नदी का तटबंध कई किलोमीटर तक क्षतिग्रस्त हो चुका है और अब बाढ़ का पानी खेतों में घुसने लगा है। किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो रही हैं। सोलानी नदी के तटबंध की हालत भी खस्ताहाल बनी हुई है, जिसे लेकर ग्रामीण कई बार प्रशासन से मरम्मत की मांग कर चुके थे, मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।


खतरे में गंगा तटबंध, गांवों को किया गया अलर्ट

गंगा नदी के किनारे बसे गांवों को प्रशासन ने अलर्ट पर रखा है। बाढ़ नियंत्रण विभाग और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन ने कहा है कि यदि बारिश का दौर इसी तरह जारी रहा तो गंगा नदी का तटबंध और अधिक क्षतिग्रस्त हो सकता है, जिससे आसपास के रिहायशी इलाके भी प्रभावित हो सकते हैं।


किसानों में आक्रोश

ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार सोलानी और गंगा तटबंध की मरम्मत की मांग की थी, लेकिन समय पर ध्यान नहीं दिया गया। अब जब स्थिति भयावह हो चुकी है, तो प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं

“अब तटबंध के टूटने का खतरा बन गया है, अगर समय रहते ध्यान दिया होता तो फसलें और ज़मीनें बच सकती थीं।” – स्थानीय किसान


ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट

हमारे संवाददाता रामगोपाल सैनी ने ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट करते हुए बताया कि खेतों में कई फीट तक पानी भर चुका है। ग्रामीण नौकाओं और ट्रैक्टरों की मदद से अपने घर और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।

वहीं प्रशासन की ओर से राहत शिविर बनाने की तैयारी की जा रही है। SDRF और पुलिस टीमों को भी तैनात किया गया है।