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संवाददाता – प्रवेश राय
गंगा के बढ़ते जल स्तर और पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के चलते हरिद्वार जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आज जिले में आपदा प्रबंधन की मॉकड्रिल आयोजित की गई। इसका उद्देश्य आपदा की संभावित स्थिति में राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों को परखना रहा।


पांच संवेदनशील स्थानों पर किया गया अभ्यास
मॉकड्रिल का आयोजन जनपद के विष्णु घाट, श्यामपुर कांगड़ी, ग्राम कलसिया, ग्राम मांडाबेला और फतेहुल्लाहपुर उर्फ तेलपुरा में किया गया। इन सभी स्थानों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मानते हुए आपदा की स्थिति का सजीव अभ्यास किया गया।



कांवड़ मेले को लेकर भी तैयारी
प्रशासन के अनुसार यह मॉकड्रिल मानसून और आगामी कांवड़ मेले को ध्यान में रखते हुए कराई गई, ताकि यदि मेले के दौरान जलस्तर में बढ़ोतरी या अन्य आपदा की स्थिति बनती है, तो तत्काल प्रभाव से बचाव कार्य किया जा सके।


जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने दी जानकारी
इस संबंध में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया,
“राज्य स्तर से मिले निर्देशों के तहत जनपद भर में मॉकड्रिल कराई गई है। संवेदनशील इलाकों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है। वहां की टीमें पूरी तरह अलर्ट और तैयार हैं।”


उन्होंने आगे कहा कि आज की मॉकड्रिल के दौरान जो भी कमियां सामने आईं, उन्हें शीघ्र चिन्हित कर सुधार की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

टीमें रेस्क्यू और राहत उपकरणों के साथ मुस्तैद
मॉकड्रिल में राजस्व विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, होमगार्ड्स, फायर ब्रिगेड और आपदा प्रबंधन की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ शामिल रहीं। स्थानीय लोगों को भी आपदा की स्थिति में सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई।

