तिलाड़ी शहीदों को श्रद्धांजलि, पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शिक्षकों-कर्मचारियों का प्रदर्शन तेज

तिलाड़ी शहीदों को श्रद्धांजलि, पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शिक्षकों-कर्मचारियों का प्रदर्शन तेज

स्थान : लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट : लक्ष्मण बिष्ट

30 मई 1930 को टिहरी गढ़वाल के तिलाड़ी में राजशाही की क्रूरता का शिकार बने सैकड़ों शहीद किसानों की स्मृति में शुक्रवार को तिलाड़ी शहीद दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा के बैनर तले लोहाघाट स्थित वीर कालू सिंह मेहरा चौक पर शिक्षकों और कर्मचारियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

कार्यक्रम की अगुवाई पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा के जिला अध्यक्ष गोविंद सिंह मेहता ने की। उन्होंने शहीद वीर कालू सिंह माहरा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा,

“शहीदों का बलिदान हमें अन्याय के खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा देता है। शिक्षक, कर्मचारी और अर्धसैनिक बल लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान अग्निवीर योजना का भी विरोध किया गया। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड जैसे राज्य, जहां सेना में भर्ती युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर थी, वहां सरकार ने स्थायी नौकरियों की जगह अग्निवीर जैसी अस्थायी योजना लागू कर युवाओं के साथ छल किया है।

मुख्य मांगे:

  • पुरानी पेंशन योजना को तत्काल बहाल किया जाए।
  • अग्निवीरों को स्थायी नियुक्ति दी जाए।
  • अर्धसैनिक बलों और कर्मचारियों की पेंशन से जुड़े हितों की रक्षा की जाए।

इतिहास के पन्नों से:
गौरतलब है कि 30 मई 1930 को टिहरी रियासत के राजा ने उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र में जल, जंगल और जमीन को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर गोली चलवा दी थी। इस घटना में करीब दो से ढाई सौ निहत्थे किसान मौके पर शहीद हो गए थे। अनेक लोग जान बचाने के लिए यमुना नदी में कूदे, लेकिन उसमें डूबकर शहीद हो गए। इस बलिदान की स्मृति में तिलाड़ी शहीद दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।