
स्थान लोहाघाट ( चंपावत)
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट
वर्षों की प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद आखिरकार गल्ला गांव का ‘पऊ तोक’ और सुई गांव का ‘शिमला तोक’ अब बाराकोट मुख्य सड़क मार्ग से जुड़ गया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि लोहाघाट विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के अथक प्रयासों से संभव हो सकी, जिससे अब इन दूरस्थ गांवों के करीब 40 परिवारों को सीधी सड़क सुविधा मिल सकी है।


सड़क निर्माण पूरा होते ही गांव में खुशी और उत्साह का माहौल देखने को मिला। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके गांव तक पक्की सड़क पहुंचेगी। स्थानीय निवासियों ने विधायक अधिकारी का आभार जताते हुए उन्हें इस कार्य के लिए सच्चा जनप्रतिनिधि बताया।


कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शंकर बोरा ने जानकारी दी कि यह सड़क लगभग 2 किलोमीटर लंबी है, जो सीधे बाराकोट मुख्य सड़क से जुड़ती है। उन्होंने बताया कि यह इलाका पिछले 25 वर्षों से सड़क सुविधा से वंचित था, और ग्रामीण लंबे समय से इसके लिए आवाज उठा रहे थे।

सड़क के अभाव में ग्रामीणों को मरीजों व गर्भवती महिलाओं को डोली के सहारे सड़क तक लाना पड़ता था, साथ ही दैनिक आवश्यकताओं और वाहन तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती थी। अब इस सड़क के बन जाने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा और यातायात जैसी मूलभूत सुविधाओं तक सुगम पहुंच मिल सकेगी।

इस अवसर पर ग्रामीण प्रयाग सिंह, रमेश सिंह, प्रकाश जोशी, मदन सिंह, पुष्कर सिंह, मुकुल ओली, मंटू ओली, राजेंद्र ओली, रमेश ओली, बसंत चतुर्वेदी, देवकीनंदन चतुर्वेदी, श्याम सिंह और नवल चतुर्वेदी सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे और सभी ने विधायक के प्रति आभार व्यक्त किया।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क सिर्फ कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि सैकड़ों सपनों और उम्मीदों की राह खोलने वाली है।


