सरोवर नगरी नैनीताल में नौ दिवसीय देवी भागवत कथा का भव्य समापन

सरोवर नगरी नैनीताल में नौ दिवसीय देवी भागवत कथा का भव्य समापन

स्थान – नैनीताल
रिपोर्ट – ललित जोशी

सरोवर नगरी नैनीताल की ऊँची पहाड़ी शेर का डांडा स्थित रामलीला प्रांगण में आयोजित नव सांस्कृतिक सत्संग समिति की ओर से नौ दिवसीय देवी भागवत कथा का समापन हवन, यज्ञ एवं भंडारे के साथ हुआ। इस कथा का वाचन भागवत किंकर श्री नमन कृष्ण महाराज व उनकी टीम द्वारा किया गया। समापन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

कथा के व्यास श्री नमन कृष्ण महाराज ने भागवत का शाब्दिक अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि यह शब्द चार अक्षरों से मिलकर बना है — भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग। उन्होंने कहा कि यही चार स्तंभ हमें जीवन के उद्देश्य की ओर ले जाते हैं।

उन्होंने कहा, “देवी भागवत कथा स्त्रैण गुणों के विकास की प्रेरणा देती है। संसार के श्रेष्ठ गुण मातृ शक्ति के नेतृत्व में ही विकसित होते हैं। त्रिलोकी शक्तियों का समन्वय ही देवी का स्वरूप है।”

नमन महाराज ने वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों पर भी चिंता व्यक्त की और सनातन धर्म अनुयायियों से एकजुट होकर उपद्रवियों को उचित जवाब देने की अपील की।

उन्होंने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि भक्ति को दैनिक जीवन में उतारना चाहिए, अपने इष्ट को भोजन अर्पित कर प्रसाद के रूप में अन्न ग्रहण करना, और सात्विक जीवन अपनाना ही शांति और स्वास्थ्य का मार्ग है।

श्री नमन कृष्ण महाराज अब तक भारत के 300 से अधिक स्थानों और दो विदेशी देशों में देवी भागवत कथा का वाचन कर चुके हैं।

कार्यक्रम के अंत में समिति अध्यक्ष खुशाल सिंह रावत ने सभी श्रद्धालुओं, सहयोगियों और उपस्थित भक्तजनों का आभार प्रकट किया और इसे सांस्कृतिक चेतना का जागरण बताया।