
स्थान : देहरादून

राजधानी देहरादून में आयोजित CBSE लैब असिस्टेंट भर्ती परीक्षा के दौरान नकल और फर्जी अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या में पकड़ से शिक्षा तंत्र की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। बीते दिन एफआरआई स्थित परीक्षा केंद्र में एक मुन्ना भाई परीक्षा देते हुए पकड़ा गया, जबकि दो अन्य परीक्षा केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ 17 अभ्यर्थी पकड़े गए।


पुलिस और परीक्षा निरीक्षण टीम के अनुसार, एफआरआई केंद्र पर जब बायोमेट्रिक उपस्थिति की जा रही थी, उस दौरान एक अभ्यर्थी के फिंगरप्रिंट मेल नहीं हुए। पूछताछ में उसने खुद को चंद्र बताया और स्वीकार किया कि वह सौरभ सिंह की जगह परीक्षा देने आया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल गिरफ्तारी कर संबंधित नकल विरोधी कानूनों के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

वहीं, दो अन्य परीक्षा केंद्रों में भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस जैसे ब्लूटूथ और ईयरप्लग के जरिए नकल की कोशिश का मामला सामने आया। निरीक्षण के दौरान ऐसे 17 अभ्यर्थियों को चिन्हित किया गया, जिनके पास नकल सामग्री और उपकरण पाए गए। इन सभी के खिलाफ परीक्षा नियमों के उल्लंघन और इलेक्ट्रॉनिक नकल साधनों के प्रयोग को लेकर विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।


परीक्षा की शुचिता पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से परीक्षाओं की पारदर्शिता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी और कड़े निर्देशों के बावजूद भी नकल माफिया और फर्जी अभ्यर्थी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।

परीक्षा संचालकों और पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी परीक्षार्थी इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल न हो।

